विशाल रस्तोगी
बिसवां, सीतापुर। तमसो मा ज्योतिर्गमय की प्रेरणा देता है मकर संक्रांति का पर्व। यह विचार राष्ट्रीय कवि कमलेश मौर्य मृदु ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा आयोजित शीतला बस्ती के मकर संक्रांति उत्सव में व्यक्त किया। यह आयोजन नगर के मोहल्ला मास्टर कालोनी मे अजय गुप्ता के आवास पर हुआ जिसकी अध्यक्षता सीतापुर विभाग संपर्क प्रमुख विमलेश अवस्थी ने किया।
श्री मृदु ने अपने उद्बोधन में कहा कि हिन्दू दर्शन के आधार पर ही विश्व शांति संभव है, क्योंकि यह सर्वसमावेशी है व सह अस्तित्व को स्वीकार करता है। सर्वे भवन्तु सुखिनः, बसुधैव कुटुंबकम, संगच्छ्ध्वं संवद्ध्वं का विचार वाली एकमात्र हिंदू संस्कृति ही है जो सबका कल्याण चाहती है। अन्य विदेशी संस्कृतियों व मजहबों की तरह पूजा पद्धति के आधार पर किसी से विद्वेष करना नहीं सिखाती। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इन्हीं विचारों को लेकर आगे बढ रहा है जिसकी सोच समाज में अलग संगठन खड़ा करना नहीं, वरन संपूर्ण समाज का संगठन करना है।
उन्होंने कहा कि संक्रांति का आशय लोककल्याणकारी सकारात्मक विचार के आधार पर प्रत्येक क्षेत्र में तीव्र सम्यक् परिवर्तन है। हम सब इस अवसर पर संकल्प लेकर इस परिवर्तन में अपनी भूमिका व सहभागिता सुनिश्चित करें।
नगर प्रचारक रमाकांत ने सभी कार्यकर्ताओं व विशिष्ट जनों का परिचय कराया। अंत में संघ की प्रार्थना व ध्वजावतरण के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम के उपरांत सभी ने तहरी भोज का आनंद लिया। समाजिक समरसता का भाव लेकर इस वर्ष प्रत्येक बस्ती मे संघ के द्वारा ऐसे आयोजन किये जा रहे हैं
तमसो मा ज्योतिर्गमय की प्रेरणा देता है मकर संक्रांति का पर्व: कमलेश मौर्य
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