- इससे से किसानों की आजीविका में वृद्वि होगी: विरेन्द्र राय
अनुपम मौर्य
बरसठी, जौनपुर। इण्डियन डेरी एसोसिएशन पूर्व उत्तर प्रदेश चाप्टर ने संगोष्ठी का आयोजन किया। संस्थाध्यक्ष डॉ0 अरविन्द कुमार ने कहा कि पिछले 75 वर्षाें से इण्डियन डेरी एसोसिएशन पूरे देश में दूध विकास के बारे में काम कर रहे हैं। इसलिए अनेक गणमंा के मद्द से आज भी विश्व में दूध उत्पादन में भारत प्रथम स्थान पर है। किसान एवं उनके साथ जुडे़ हितधारक खासकर पूर्वांचल उत्तर प्रदेश में किसानों को मदद करने के लिए एक कार्यक्रम स्व0 डॉ0 वर्गीस कुरियन के जन्मदिन यानी 26 नवम्बर को गांव के स्तर पर प्रारंभ किया है। 27 एवं 28 नवम्बर को अनेक गांव में दूध के विकास के बारे में राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड द्वारा प्रशिक्षण लिये हुए प्रमोद मिश्रा की मदद से पशुपालकों को जगरुकता कार्यक्रम किया गया।
29 नवम्बर को बरसठी ब्लॉक में यह संगोष्ठी हुई जहां दीप जलाकर खण्ड विकास अधिकारी राकेश मिश्रा ने कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। साथ ही कहा कि इस प्रांत को पशुपालन द्वारा विकास करने के लिए हर पंचायत का प्रधान से इच्छुक एवं सहमत सहकारी संस्था लम्बे समय के लिए अनुबंध बनाकर आगे बढ़ाना अति आवश्यक है, क्योंकि इस इलाके में अच्छी नस्ल के पशुओं की संख्या कम हैं। डा0 राम सिंह पशुपालन के पदाधिकारी उ0प्र0 सरकार ने कहा कि पशुपाल के माध्यम से गांव एवं पशुपालकों को अमूल डेरी कॉपरेटिव की तहर यहॉ भी विकास होने के लिए पशुपालकों को प्रयास करना अति आवश्यक है। डा0 डी0एन0 दूबे भारतीय एग्रो इन्डस्टिय फाउन्डेंशन के पदाधिकारी ने भी कहा कि डेरी उधयेाग्य के लिए इस इलाका में प्रकृति का संसाधन अधिक है। उसका उपयोग कराना किसान, पंचायत प्रधान, सहकारिकता संस्था एवं सरकार को भी मिलकर प्रयास करना अति आवश्यक है।
डा0 विकास पटेल भारत सरकार पशुपालन योजना के माध्यम से जूडे़ पदाधिकारी ने कहा कि इस इलाके में स्थाई रुप में कोई संगठीत संस्था विकास एवं दूध का बाजार के लिए न होने के कारण पशुपालकों को परेशानी हो रहा है। अभिषेक मौर्य प्रबन्धक उ0प्र0 सरकार अजीविका मिशन ने कहा कि वर्तमान में बना हुआ। स्वयं सहायक समूह का सदस्य एवं इस तरह का कृषि उघोग को जोड़ना चाहते हैं परन्तु कोई विकास का सहकारिता संस्था न होने के कारण उन महिला सदस्य को भी परेशानि हो रही है।
इसी क्रम में मुख्य अतिथि विरेन्द्र राय अध्यक्ष दुध उत्पादक सहकारी समिति यूनिट विहार स्टेट कॉपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर फैटेरेशन पटना ने कहा कि इसी तरह की कठिनाई उनके ब्लाक में हुआ था परन्तु इनके क्षेत्र का किसान भाई, प्रधान, सरकार एवं सहकारिता संस्था मिलकर विपणन योग्य अधिशेष दुध को 5000 लि0 प्रतिदिन से 70000 लि0 प्रतिदिन दुध का मात्रक किया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के माध्यम से वर्तमान की स्थिति में कम से कम 6 रु प्रति लि0 संगठित संस्था से जूड़े पशुपालकों को मिलना अति आवश्यक है।
इसके लिए वह अनेक प्रयास कर रहे हैं। उपस्थित प्रतिनिधिगण ने इस क्षेत्र के किसानों को मदद करने के लिए विरेन्द्र राय से इंडियन डेरी एसोसिएशन द्वारा सेवा करने के लिए अनुरोध किया है। प्रो0 डा0 सुरेश ने विशिष्ठ अतिथिगण ने डा0 राजा रत्नम कार्यक्रम संचालक इंडियन डेरी एसोसिएशन से भी अनुरोध किया है कि इस संगोष्ठी का मुख्य उदेश का पालन करने के लिए इस विषय पर ध्यान देना अति आवश्यक है। इस अवसर पर तमाम दुध उत्पादक, ग्राम प्रधान, पदाधिकारीगण, स्वयं सेवा समूह के सदस्यगण सहित न्य लोग उपस्थित रहे।