Sunday, April 28, 2024
No menu items!

परमात्मा को पाने के लिये साधन प्रेम है भाव: आचार्य शिवम

तरुण चौबे
सुजानगंज, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के प्यारेपुर में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन आचार्य श्री शिवम जी महाराज ने अरिष्टासुर, केशी उद्धार, कंश बध आदि का विविधता पूर्वक वर्णन किया तथा कथा के दौरान रुकमणी और कृष्ण के विवाह की भव्य झांकी दर्शन कर श्रोता झूम उठे। कथा के दौरान महाराज जी ने उद्धव जी का चरित्र सुनाते हुए कहा कि परमात्मा को पाने के लिए सबसे सरल साधन है प्रेम भाव, क्योंकि भगवान ने ये खुद कहा है कि भाव का भूखा हु मैं तो भाव ही एक सार है, भाव से मुझको भजे तो भव से बेड़ा पार है। भाव बिना कुछ दे तो मैं कभी लेता नहीं, भाव से भी एक फूल दे तो वो मुझे स्वीकार है। श्री महाराज जी ने बताया कि ज्ञान के बड़े अहंकार से वृन्दावन गये थे उद्धव जी लेकिन वहाँ जाने के बाद गोपियों को देखकर सारा ज्ञान धरा का धरा राह गया जब लौटे हैं छः महीने बाद तो ज्ञानी उद्धव नही प्रेमी उद्धव बनकर लौटे। मुख्य यजमान पूर्व आईएएस देवेन्द्र सिंह, बीके सिंह आदि सहित अन्य लोगों ने कथा का श्रवण किया।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

Most Popular