Monday, April 29, 2024
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धर्म के प्रचार से ज्यादा इंसानियत के प्रचार की जरूरत: डा. कल्बे

जौनपुर। अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त शिया धर्मगुरु डॉ मौलाना कल्बे रुशैद रिजवी ने अटाला मस्जिद के पास पत्रकारोंं से बातचीत के दौरान कहा कि इंसानियत को बढ़ावा देने की जरूरत है। आज आधुनिक दौर में जब एक इंसान अपनी जगह बैठे हजारों किलोमीटर दूर तक अपनी आवाज पहुंचा सकता है तो फिर क्या वजह है कि हजार किलोमीटर दूर से बैठे इंसान की चीख व पुकार इंसान को सुनाई नहीं दे रही है, वजह सिर्फ एक है आज इंसान के अंदर की इंसानियत खोखली हो चुकी है, इसलिए हम धर्म के प्रचार से ज्यादा इंसानियत के प्रचार की जरूरत है।
हाल ही में अलीगढ़ की मस्जिद पर जय श्रीराम के नारे लिखे जाने के सवाल पर मौलाना ने कहा कि किसी भी गलत काम का पक्ष नहीं लेना चाहिए। मस्जिद में इस तरह की हरकत करने वाले उस दशरथ के बेटे राम के मानने वाले तो बिल्कुल भी नहीं हो सकते जिनको दुनिया मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में जानती है, क्योंकि राम प्रभु बनकर पैदा नहीं हुये थे, बल्कि उनके अच्छे कार्यों की बुनियाद पर उन्हें प्रभु का दर्जा हिंदू समुदाय में दिया। ऐसे में राम के नाम पर किसी को मारने—पीटने और किसी का घर जलाने वाले राम के भक्त तो बिलकुल भी नहीं हो सकते। भले ही ऐसा व्यक्ति खुद को राम का मानने वाला कह ले लेकिन वह राम की मानने वाला नहीं हो सकता।
मौलाना ने भारत में मुसलमानों की सुरक्षा के सवाल पर कहा कि जब कहीं भी जुल्म बढ़ता है तो वह जगह असुरक्षित हो जाती है। किसी मस्जिद में जुल्म हो तो नमाजी असुरक्षित होते हैं। मंदिर में हो तो पुजारी असुरक्षित होता है जबकि घर में जुल्म बढ़े तो पत्नी असुरक्षित हो जाती है। ऐसे में किसी एक घटना की वजह से पूरे देश को असुरक्षित कहना सही नहीं है। भारत हमेशा से सुरक्षित था है और रहेगा। इसके पहले मौलाना डॉ कल्बे रुशैद का राहिल शेख, शाहिद मेंहदी, संजय खान, शाहिद हुसैन, उबैद शेख, शाकिर रज़ा ने अंगवस्त्रम ओढ़ाकर सम्मानित किया।

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