Monday, April 29, 2024
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कर्मचारियों के लिए धन की कमी नहीं: कुलपति

  • 15 कर्मचारियों की समारोह पूर्वक की गई विदाई

बिरेन्द्र यादव
सराय ख्वाजा, जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में कर्मचारी विदाई समारोह को सम्बोधित करते हुए कुलपति प्रो निर्मला एस मौर्य ने कहा कि कर्मचारियों के लिए धन की कोई कमी नहीं होगी, हमने 112 करोड़ की एफडी करवा दिया है। इसके अलावा ग्रेजुएटी पेंशन के लिए कर्मचारियों को दौड़ना ना पड़े व्यवस्था की जा रही है। कर्मचारी कल्याण कोष के लिए जो भी करना होगा करेंगे और 2013 के विनियमितीकरण शासनादेश के मुताबिक होगा।

उस पर कुलसचिव वित्त अधिकारी विचार कर उनके हित में फैसला लिया जाएगा। उन्होने कहा कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों के अनुभव को समय-समय पर विश्वविद्यालय सेवा लेता रहेगा। कुलपति भावुक होते हुए कही कि नैक के लिए हमने बहुत कुछ आप लोगों के साथ दिया है और हम बहुत टेंशन में हैं ।इस बार नैक मूल्यांकन में ए ए प्लस मिले। जिससे विश्वविद्यालय का नाम विश्व में आगे बढ़े। कुलसचिव महेन्द्र कुमार ने कहा की आप लोग कभी रिटायर्ड नहीं होंगे बल्कि उनकी जिम्मेदारी बढ़ जाती है, यहां एक टेबल पर काम करते थे। लेकिन वह समाज रिश्तेदार परिवार सब के लिए काम करेंगे। कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर सिंह ने कहा कि कर्मचारी विश्वविद्यालय की सेवा तन मन से करता है इसलिए उनकी समस्याओं का समाधान होना चाहिए।

महामंत्री रमेश चंद यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय परिवार का कोई सदस्य सामूहिक सहयोग से हटता है तकलीफ होती है। कर्मचारियों को जैसे भी जरूरत पड़ेगी उनका हर सम्भव सहयोग किया जाएगा। सेवानिवृत्त कर्मचारियों में सर्वेश श्रीवास्तव, घनश्याम यादव, अनिल श्रीवास्तव, विवेकानंद मिश्र, भूपेंद्र नाथ पांडेय, सुरेश बहादुर सिंह, रमेश पाल, भरत कुवर सिंह, सुरेंद्र प्रताप, अवधेश सिंह, विजय जायसवाल, रामजस मिश्र, केशव यादव, अरुण सिंह, अनिल सोनकर को शाल, स्मृति चिन्ह, भगवत गीता, घड़ी, सूटकेस, कपड़ा देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर वित्त अधिकारी संजय राय, परीक्षा नियंत्रक बीएन सिंह, सहायक कुलसचिव अजीत सिंह, अमृतलाल, बबीता सिंह, डा. मनोज पांडे, डा. गिरधर मिश्र, डा. पुनीत धवन, रामजी सिंह, डा. स्वतंत्र कुमार, श्याम त्रिपाठी, राजेश सिंह, अशोक सिंह, रजनीश सिंह, डॉ दिलगीर हसन, राधेश्याम सिंह मुन्ना, जयेशलाल यादव मौजूद रहे। संचालन डा. राजेश कुमार सिंह ने किया।

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