जौनपुर। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम 2023 में सेवा सुरक्षा के अभाव से व्यथित होकर उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद के प्रतिनिधमण्डल ने प्रदेश अध्यक्ष डॉ0 वीरेन्द्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। उपस्थित प्रधानाचार्यों को सम्बोधित करते हुये परिषद के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. वीरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम 2023 पारित होने के पश्चात अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत प्रधानाचार्यों तथा शिक्षकों की सेवा शर्ते नकारात्मक रूप से प्रभावित हो गयी है। उक्त अधिनियम के पारित होने से उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम 1982 की धारा 21 एवं 18 निसरित होते ही शिक्षकों तथा प्रधानाचार्यों की सेवा बिना पूर्व अनुमोदन के समाप्त हो जायेगी। साथ ही धारा 18 के निष्प्रभावी होने से तदर्थ प्रधानाचार्यों को मिलने वाला वेतन बाधित हो सकता है। उन्होंने आगे कहा कि हमें उक्त अधिनियम 2023 के कमियों की तरफ सरकार का ध्यान आकृष्ट करने हेतु लोकतान्त्रिक ढंग से जोरदार अन्दोलन करना ही होगा।
इसी क्रम में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ कार्यरत के प्रदेश अध्यक्ष रमेश सिंह ने कहा कि हमें सजग रहना होगा, अन्यथा हम सेवा सुरक्षा के प्रावधान से वंचित हो जायेंगे। प्रधानाचार्य परिषद के जिलाध्यक्ष डॉ0 जग बहादुर सिंह ने कहा कि हमें प्रधानाचार्यों एवं शिक्षकों की सेवा सुरक्षा हेतु आर-पार का संघर्ष करना ही होगा। प्रधानाचार्य डा. राकेश सिंह सहित अनेक वक्ताओं ने कहा कि यदि हम उदासीन रहे, उस स्थिति में हमें घोर संकट का सामना करना पड़ेगा।
जिलाधिकारी ने प्रतिनिधिमण्डल को आश्वस्त किया कि प्रधानाचार्यों का ज्ञापन सकारात्मक संतुति के साथ उत्तर प्रदेश सरकार के पास प्रेषित कर दिया जायेगा। सैकड़ों की संख्या में उपस्थित प्रधानाचार्यों में जिला मंत्री संतोष दूबे, जिला उपाध्यक्ष डॉ0 शैलेन्द्र सिंह, डॉ0 संजय चौबे, कृष्ण दत्त दूबे, अवधेष कुमार, डॉ0 नीरज कुमार, डॉ0 रमेश चंद्र सिंह, डॉ0 सत्य प्रकाश सिंह, तेरश यादव, डॉ0 आर0डी0 सिंह, डॉ0 संतोष सिंह, डॉ0 अतुल सिंह, सैयद हसन सहिद, डॉ0 गजाधर राय, ऋषि श्रीवास्तव आदि रहे। अन्त में जिलाध्यक्ष डा. जग बहादुर सिंह ने सभी के प्रति अभार प्रकट किया।
उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद ने डीएम को सौंपा ज्ञापन
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