Monday, April 29, 2024
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देश के अच्छे विश्वविद्यालयों की सूची में शामिल हो पूविवि: कुलपति

  • ए प्लस पाने से हमारी जिम्मेदारी और बढ़ीः कुलसचिव

विरेन्द्र यादव/अजय विश्वकर्मा
सिद्दीकपुर, जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के महंत अवेधनाथ संगोष्ठी भवन में बुधवार को विश्वविद्यालय को नैक मूल्यांकन में ए प्लस मिलने पर कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने विश्वविद्यालय परिवार के शिक्षक, अधिकारी और कर्मचारी के साथ संवाद किया।
इस मौके पर प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय के शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारियों में टीम वर्क करने की बहुत अधिक क्षमता है। एक नई यात्रा की अब यहां से शुरू हो रही है। हमें आने वाले समय में अपने एकेडमिक, रिसर्च, इनोवेशन पर बहुत ज्यादा जोर देना है। हमें अपनी कमियां पहचानकर ज्यादा जोर देने की जरूरत है। सभी के सहयोग ने विश्वविद्यालय इस ऊंचाइयों पर आया है। हमारी कोशिश होगी कि हम प्रदेश ही नहीं देश के अच्छे विश्वविद्यालय के साथ खड़े हों।
कुलसचिव महेंद्र कुमार ने कहा कि हमारा विश्वविद्यालय उन्हें कहीं से कुछ ऐसा मौका नहीं दिया कि वह हमारे ग्रेड को गिरा सके। हमारा सभी पक्षों का इतना मजबूत और बढ़िया प्रस्तुतीकरण था जिसके कारण हम इस मुकाम पर पहुंचे हैं। अब हमारी जिम्मेदारी और बढ़ गई है क्योंकि हमे और आगे जाना है। आईक्यूएसी सेल के समन्वयक प्रो. मानस पांडेय ने नैक की सातों क्रैटिरिया के मूल्यांकन के बारे में विस्तार से बताया। राजभवन के मार्गदर्शन और सहयोग के चलते हमें अपनी गुणवत्ता को सुधारने का मौका मिला। विश्वविद्यालय के सभी लोगों के सकारात्मक सहयोग से हम इस मुकाम पर पहुंचे हैं। बार-बार राजभवन की ओर से बुलाकर समीक्षा करने और नैक मंथन में शामिल होने से हमे अच्छा अनुभव मिला। इस कारण हम ए प्लस की ओर बढ़ें। मंचासीन वित्त अधिकारी संजय राय और परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह ने भी अपने अनुभव साझा किया। संचालन डॉ धर्मेंद्र सिंह और धन्यवाद ज्ञापन प्रो. देवराज सिंह ने किया।
इस अवसर पर प्रो. बीबी तिवारी, प्रो. वंदना राय, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. अविनाश पाथार्डिकर, प्रो. अशोक श्रीवास्तव, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो.रजनीश भास्कर, प्रो. सौरभ पाल, प्रो. प्रदीप कुमार, डॉ. प्रमोद यादव, डॉ राजकुमार, डॉ. संतोष कुमार, डॉ. संजीव गंगवार, डॉ. रसिकेश, डॉ. मनीष प्रताप सिंह, डॉ. गिरधर मिश्र, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. श्याम कन्हैया, आलोक वर्मा, डॉ पुनीत धवन, डॉ. शशिकांत यादव, सहायक कुलसचिव अजीत सिंह, नंदकिशोर सिंह, रमेश यादव, डॉ पीके कौशिक, राधेश्याम सिंह, श्यामजी त्रिपाठी, प्रमोद विश्वकर्मा सहित तमाम शिक्षक व कर्मचारी शामिल थे।

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