Monday, April 29, 2024
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प्राण प्रतिष्ठा के नाम पर पैसे की बर्बादी: तूफानी सरोज

  • प्राण प्रतिष्ठा के बहाने राजनीतिक श्रेय लेने की कोशिश कर रही भाजपा

केएस यादव
जफराबाद, जौनपुर। समाजवादी पार्टी के केराकत विधायक तूफानी सरोज ने कहा कि भाजपा अयोध्या राजनैतिक चाल के तहत प्राण प्रतिष्ठा करा रही है। सिर्फ पैसे की बर्बादी कर रही है। क्षेत्र के कबूलपुर बाजार में एक निजी कार्यक्रम में शिरकत करते हुए उक्त बातें कही। उन्होंने कहा कि ये पुराना विवाद मंदिर व मस्जिद विवाद को न्यायालय ने खत्म कर दिया है। राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक में मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि ये ऐसा मसला है। इसको आपसी भाईचारे या न्यायालय से सुलझाया जा सकता है। मामला सुप्रीम कोर्ट में था। सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया। यह मुलायम सिंह यादव के नीति व विचारों की जीत है।

उस निर्णय के आधार पर अयोध्या में राम मंदिर बनकर तैयार हो गया है। तुलसीदास जी ने लिखा है कि घट घट बासी राम भगवान राम हर घट घट व कण कण में है। उनकी मूर्ति की स्थापना हो चुकी है और प्राण प्रतिष्ठा के नाम पर सैकड़ो विमान उतारे जा रहे है। राजनैतिक व्यक्तियों के नेतृत्व में प्राण प्रतिष्ठा किया जा रहा है। जब भगवान राम घट घट बासी है तो प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम कर ब्यौरा रचे ये राजनैतिक चाल है। हमें सावधान रहने की जरूरत है। किसी राजनैतिक व्यक्ति द्वारा प्राण प्रतिष्ठा किये जाने का मैं विरोध करता हूँ। प्राण प्रतिष्ठा के नाम पर लोगों को गुमराह किया जा रहा है। बेरोजगारी, चिकित्सा सेवा, नौकरी, महंगाई के मुद्दे पर भाजपा सरकार नही बोल रही है। जनता से इन्होंने जितने वादे किए थे, जनता सबका हिसाब मांग रही है।

इसी क्रममें सपा के वरिष्ठ नेता रत्नाकर चौबे ने कहा कि हजारों सालों से अयोध्या में रामजी की मूर्ति है। लोग बिना प्राण प्रतिष्ठा के पूजा अर्चन, दर्शन कर रहे थे। क्या प्राण प्रतिष्ठा पहले नहीं था। प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन कर भाजपा के लोग चुनावी एजेंडा बनाये हैं। नौकरी, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, जनता से ये लोग जो वादा किये थे। वादा पूरा नहीं हुआ। जनता सबका हिसाब मांग रही है। जनता ने इनको मंदिर व पूजा पाठ के नाम पर वोट नहीं दिया था। रोजगार व व्यवसाय के नाम पर वोट दिया था। भाजपा का राजनैतिक मुद्दा है 2024 में चुनाव। इन लोगों ने वोट के नाम पर दौर्पदी मुर्मू को राष्ट्रपति बना दिया। उनसे प्राण प्रतिष्ठा कराना चाहिए ताकि दलितों का सम्मान बढ़े लेकिन ये लोग नहीं कराएंगे, अन्यथा मंदिर अछूत हो जायेगा।

 

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