Monday, April 29, 2024
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सावित्री बाई फुले के विचारों का अनुसरण कर हमें शिक्षा की ज्योति को रखना होगा जलायें: नीरा आर्या

  • छितौना गांव में सावित्री बाई फुले के जन्मदिन पर महिलाओं को किया गया जागरूक

विनोद कुमार
केराकत, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के छितौना गांव में बुधवार को ग्रामीण विकास संस्थान हथिनी की अध्यक्षता में आधुनिक भारत की पहली शिक्षिका सावित्री बाई फुले की जयंती पर महिलाओं को जागरूक कर शिक्षा के प्रति उन्हें प्रेरित किया गया। सौहार्द फेलो नीरा आर्या ने सावित्री बाई फुले की चित्र पर माल्यार्पण कर महिलाओं को संविधान की उद्देशिका भेंट करते हुए बताया कि सावित्री बाई फुले महान नायक,समाज सुधारक व शिक्षा की देवी है, वह आधुनिक भारत की प्रथम महिला शिक्षक है।

उनके जीवन में ज्योतिबा के साथ उनकी मौसी सगुना बाई एवं उनकी सहेली फातिमा शेख का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आज जरूरी नहीं कि सब लोग सावित्री बाई फुले ही बने लेकिन उनके विचारों का अनुसरण करते हुए हमें शिक्षा की ज्योति को जलाए रखना होगा। उन्होंने कहा कि उस समय महिलाओं के लिए स्कूल खोलना पाप समझा जाता था तब सावित्री बाई फुले ने हर जाति धर्म के लिए स्कूल खोल शिक्षा की अलख को जगाया।

जब वे स्कूल में पढ़ाने जाती थी तो उनके विरोधी उनके ऊपर गोबर व पत्थर फेंकते थे जिस कारण वे स्कूल जाते समय एक साड़ी लेकर जाती थे और स्कूल पहुंच अपनी साड़ी को बदल लेती थी। हम सभी महिलाओं के लिए सावित्री बाई फुले प्रेरणादायक की तरह है। इस अवसर पर बंधुता मंच से पूनम, धनरा देवी, साधना समेत भारी संख्या में महिलाएं मौजूद रहीं।

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