Monday, April 29, 2024
No menu items!

चिकित्सक की लापरवाही से महिला के आंख की चली गयी रोशनी

  • लीलावती अस्पताल के चिकित्सक पर लगा लापरवाही का आरोप

सिरकोनी, जौनपुर। जफराबाद क्षेत्र के जमैथा गांव निवासी एक महिला की आँख की रोशनी चिकित्सक के लापरवाही से चली गयी। आरोप के अनुसार उसका लीलावती अस्पताल के डॉक्टर ने ऑपरेशन मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया था। ऑपरेशन के बाद से रोशनी ही चली गयी। महिला अब अंधी हो गयी है। मालूम हो कि उक्त गांव निवासी रेशमा निषाद पत्नी जंगी लाल निषाद के बायीं आँख की रोशनी बहुत पहले खत्म हो चुकी थी। दाहिने आंख से धुंधला दिखाई दे रहा था। 29 फरवरी को शहर के विशेषरपुर में अघोर पीठ द्वारा आंख का कैम्प लगाया गया था। उसी कैम्प में रेशमा भी गयी थी। उसने वहां अपनी आंख चिकित्सक को दिखाया जहां उसे आंख में मोतियाबिंद होने की जानकारी दी गयी। उसे 1 मार्च को सरकारी के लीलावती अस्पताल में बुलाया गया। वहां पर चिकित्सक द्वारा उसका ऑपरेशन करके छोड़ दिया गया। परिजनों से दूसरे दिन आंख की पट्टी खोलने को बोला गया।

जब रेशमा के पुत्र प्रमोद निषाद ने माँ की आंख की पट्टी को खोला तो पता चला कि उसकी आंख से दिखना ही बन्द हो गया है। वह घबड़ाकर लीलावती अस्पताल के चिकित्सक डॉ मुकेश वर्मा से आकर जानकारी दिया। उन्होंने बोला कि ऑपरेशन के समय कभी—कभी एकाध लेयर रह जाती है। 15 दिन बाद मरीज को दोबारा लेकर आना उसको ठीक कर दिया जाएगा। उधर मां के आँख की हालत देखकर प्रमोद आंख कैम्प लगाने वाले अघोर पीठ के जिम्मेदार से मिला तो उन लोगों ने रेशमा को शंकर आई हॉस्पिटल रुहट्टा भेजा। वहां के चिकित्सक ने वाराणसी रेफर कर दिया। प्रमोद का कहना है कि मेरी माँ अब अंधी हो गयी है। अपने गरीबी के हाल में अब हम कहां उपचार करवाये? इस बारे में जब डॉ मुकेश वर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया है।आंख में कभी—कभी हल्की लेयर रह जाती है। मरीज को 15 दिन बाद बुलाया गया है। उसकी आंख पहले से खराब थी। यह जानकारी नहीं दी गयी थी।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

Most Popular