अभिषेक दूबे/विपिन सैनी
गौराबादशाहपुर, जौनपुर। महाराष्ट्र से पधारे महामंडलेश्वर स्वामी आत्म प्रकाश महाराज का जनपद में एक दिवसीय आगमन हुआ। उनके पहुंचने पर सैकड़ों धर्मप्रेमी लोगों ने माल्यार्पण कर स्वागत किया। उन्होंने एक प्रवचन के दौरान बताया कि भक्ति, ज्ञान, वैराग्य पर चर्चा करते हुए कहा कि भक्ति के दोनों पुत्र ज्ञान और वैराग्य अचेतन अवस्था में पड़े हुए हैं तथा भक्ति उन्हें लेकर प्रलाप कर रही हैं। तभी नारदजी के द्वारा उनकी इस व्यथा को समाप्त करने के लिए श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण कराया जाता है जिससे वह पुनः अपने निज स्वरूप को प्राप्त हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत साक्षात भगवान का स्वरूप है।
श्रीमद् भागवत साक्षात मोक्ष का साधन है। जब भगवान अपनी लीलाओं को करके गाेकलधाम को वापस जा रहे थे तो ऋषि मुनि महात्माओं ने भगवान से प्रार्थना की परमात्मा आप अपने धाम को जा रहे हैं और इधर कलयुग प्रारंभ हो रहा है, इसलिए ही परमात्मा कलयुग के प्राणियों के लिए के लिए मोक्ष का साधन आवश्यक रूप से निश्चित करके जाएं। तब परमात्मा श्री कृष्ण श्रीमद् भागवत महापुराण में समाहित हो गए।उन्होंने कहा यह पुराण कोई साधारण नहीं है, बल्कि साक्षात भगवान का स्वरूप है।
मुक्ति चाहने वाले व्यक्ति को निश्चित ही श्रीमद् भागवत की कथा का श्रवण करना चाहिए एवं दूसरों को इस कथा को सुनने के लिए प्रेरित करना चाहिए और किसी भी परिस्थिति में हमें अपने धर्म मार्ग से नहीं हटना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर आप धर्म मार्ग पर हैं तो परमात्मा निश्चित ही आप पर कृपा करेंगे और आपका कल्याण होगा।
इस दौरान आत्मदेव ब्राह्मण की कथा सुनाई जिसमें पुत्र गौकर्ण एवं धुंधकारी का चरित्र सुनाते हुए बताया कि भागवत पुराण के आयोजन से प्रेत योनि को प्राप्त हुए धुंधकारी का उद्धार हुआ। कथा में भगवान के 24 अवतारों का वर्णन किया गया जिसे सुनकर श्रोता भक्ति भाव से भर गए। इस मौके पर वीरेंद्र मिश्र, राजकुमार गुप्ता, सचिन गिरि, प्रवीण पंडा, विनय गिरि, अनील साहू, मोनी पांडेय समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे।