Purvanchal University: सबको जोड़कर चलेंगे तभी श्रेष्ठ बनेंगे: कलराज मिश्र

Jaunpur News
By -

Jaunpur News
  • पूविवि में नव भारत के निर्माण में पं. दीनदयाल उपाध्याय के विचार विषयक संगोष्ठी का हुआ आयोजन

Jaunpur News: वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में नव भारत के निर्माण में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचार विषयक संगोष्ठी का आयोजन गुरुवार को रज्जू भईया संस्थान  के आर्यभट्ट सभागार में किया गया। संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि सबको जोड़कर चलेंगे तभी श्रेष्ठ बनेंगे. इसी विचारधारा से आज हमारा देश निरंतर आगे बढ़ रहा है। पंडित जी के एकात्म मानववाद और अंत्योदय में यह धारणा समाहित रही।

पंडित दीन दयाल जी अध्ययन के दौरान ही अपनी कक्षा के कमजोर विद्यार्थियों को पढ़ाते थे। कमजोरों के प्रति उनकी संवेदनशीलता बचपन से ही रही। उन्होंने कहा कि पारिवारिक स्थिति ठीक ना होने के बाद भी देश के प्रति समर्पण का भाव रहा और नौकरी न करने का निर्णय लेकर उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज को समर्पित कर दिया। प्रारंभ से ही सामूहिकता की भावना के साथ विपन्न लोगों में आत्मविश्वास पैदा करने का निरंतर कार्य किया।

उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति आधुनिक विज्ञान के साथ प्राचीन ज्ञान को जोड़कर नए भारत के निर्माण में बड़ी भूमिका अदा कर रही है। आधुनिक और प्राचीन ज्ञान के समन्वय के साथ अगर काम किया जाए तो हम दुनिया में सबसे आगे रहेंगे और यही पंडित जी का विचार रहा है।

उन्होंने कहा कि आज देश का मेधा स्टार्टअप के माध्यम से देश की तस्वीर को बदल रहा है पहले नौकरियां और अवसर न उपलब्ध होने के कारण लोग विदेश की तरफ रुख  करते थे लेकिन अब विदेशों से आकर भारत में नए स्टार्टअप के माध्यम से देश की नई तस्वीर प्रस्तुत कर रहे हैं। उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों को आत्मसात करने और उनके सिद्धांतों के माध्यम से नवभारत के निर्माण में योगदान देने का आह्वान किया।

अध्यक्षीय संबोधन में कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के जीवन संघर्ष से आज के युवा प्रेरणा ले और भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में अपनी भूमिका अदा करें। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री जी के विकसित भारत की मुहिम पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के विचारों को धरातल पर उतार रही है।

संगोष्ठी के बीज वक्ता दीनदयाल उपाध्याय सेवा प्रतिष्ठान के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण मिश्रा ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने देश की आर्थिक नीति कर व्यवस्था किसने की खेती की स्थिति कैसी हो सामाजिक संरचना कैसी हो नीचे के लोगों को ऊपर कैसे लाया जाए इन सब पर दूर दृष्टि के साथ कार्य किया। अपने संबोधन में श्री मिश्र ने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय जी का चिंतन केवल राजनीतिक नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति, समाज और अर्थव्यवस्था के उत्थान का मार्गदर्शक है।

संगोष्ठी के संयोजक एवं शोधपीठ अध्यक्ष प्रो. मानस पाण्डेय ने अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय का चिंतन भारतीय संस्कृति समाज और राजनीति को नई दिशा देने वाला है। दीनदयाल उपाध्याय सेवा प्रतिष्ठान के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शशि मिश्र मंचासीन रहे। कार्यक्रम का संचालन आयोजन सचिव डॉ. अनुराग मिश्र ने किया।

इस अवसर पर प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. प्रदीप कुमार, प्रो. प्रमोद यादव, डॉ. विजय सिंह, डॉ. शैलेन्द्र सिंह,डॉ. विजय प्रताप तिवारी, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ. नितेश जायसवाल, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर,  डॉ. पुनीत सिंह, डॉ. राहुल राय, डॉ अंकित सिंह, डॉ. प्रियंका सिंह, डॉ. राजन तिवारी, कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नन्द किशोर सिंह, महामंत्री रमेश यादव, डॉ. प्रमोद कुमार कौशिक, विश्वविद्यालय के शोधार्थी एवं छात्र-छात्राओं की गरिमामयी उपस्थिति रही।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn more
Ok, Go it!