भागवत कथा से धौरईल गांव रहा भक्तिमय
विरेन्द्र यादव
सरायख्वाजा, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के धौरइल गांव में चल रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का गुरुवार को समापन हुआ। कथा में चार वेद, पुराण, गीता एवं श्रीमद्भभागवत महापुराण की व्याख्या आचार्य कौशल किशोर पांडेय द्वारा किया गया। 7 दिनों तक भगवान श्री कृष्ण जी के वात्सल्य प्रेम, असीम प्रेम के अलावा उनके द्वारा किए गए विभिन्न लीलाओं का वर्णन कर वर्तमान में समाज में व्याप्त अत्याचार, अनाचार, कटुता, व्यभिचार को दूर कर सुंदर समाज निर्माण के लिए युवाओं को प्रेरित किया। इस धार्मिक अनुष्ठान के 7वें एवं अंतिम दिन भगवान श्री कृष्ण के सर्वोपरी लीला श्री रासलीला मथुरा, गमन, दुष्ट कंस राजा के अत्याचार से मुक्ति के लिए कंसवध, कुब्जा उद्धार, रुक्मणी विवाह, शिशुपाल वध एवं सुदामा चरित्र का वर्णन कर लोगों को भक्ति रस में डुबो दिया।
इस दौरान भजन गायन ने उपस्थित लोगों को ताल एवं धुन पर नृत्य करने के लिए विवश कर दिया। कथा वाचक ने सुंदर समाज निर्माण के लिए गीता से कई उपदेश के माध्यम से अनुभव आचारण करने को कहा जो काम प्रेम के माध्यम से संभव है, वह हिंसा से नहीं हो सकता है। समाज में कुछ लोग ही अच्छे कर्मों द्वारा सदैव चीर स्मरणीय रहता है। इतिहास इसका साक्षी है। लोगों ने रात भर इस संगीतमयी भागवत कथा का आनंद उठाया। सात दिवसीय भागवत कथा में आस-पास गांव के अलावा दूरदराज से काफी संख्या में महिला-पुरुष भक्तों से पूरा वातावरण भक्तिमय रहा।