Monday, April 29, 2024
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तरबीयतयाफ्ता व तालिमयाफ्ता इन्सान समाज को सही राह दिखा सकता है: मौलाना महफुज़ुल

जौनपुर। शिया जामा मस्जिद नवाब बाग़ में नमाज़ के बाद शिया जामा मस्जिद नवाब बाग़ के मुतवल्ली शेख़ अली मंज़र ड़ेज़ी की माता की मजलिसे तरहीम को सम्बोधित करते इमामे जुमा एवं प्रिंसिपल मौलाना महफुज़ुल हसन खां ने कहा कि इन्सान अगर तालिमयाफ्ता (शिक्षित) और तरबीयत याफ़्ता (प्रशिक्षित) हो तो समाज को सही राह दिखा सकता है। उन्होंने बनी उम्मया के एक ख़लीफा/बादशाह उमर बिन अब्दुल अज़ीज़ का ज़िक्र करते हुए कहा कि उनकी अच्छी तरबीयत हुई इसलिए उन्होंने अपने दौरे हुकुमत में बहुत से सुधार किए। उन्होंने अहलेबैत के हक़ को पहचाना और नमाज़े जुमा के ख़ुत्बे में हज़रत अली अलैहिस्सलाम पर उमर बिन अब्दुल अज़ीज़ दुरूदो सलाम करते और उनके फज़ायल ख़ूब ब्यान करते थे।
इसी क्रम में मौलाना ने हज़रत इमाम हुसैन अलै. के मसायब को ब्यान करते हुए उनकी दर्द नाक शहादत का ज़िक्र किया। इस मौके पर अन्जुमन गुलशने इस्लाम बाज़ार भुआ के मोहम्मद तक़ी बादशाह ने नौहाखानी की तो मोमेनीन ने समाजसेवी शेख़ अली मंज़र ड़ेज़ी की माता बेगम बिन्ते अली की मग़फेरत के लिए सूर ए फातेहा पढ़ा। मजलिस में आए लोगों का शेख नुरुल हसन मेमोरियल सोसायटी परिवार ने आभार जताया।
इस अवसर पर मौलाना मेंहदी मिर्जापुरी, वरिष्ठ नेता सैय्यद परवेज़ हसन, शकील अहमद एडवोकेट, सैय्यद असलम नक़्वी, समाजसेवी सैय्यद कौसर बाबा अहरौली, डा. हाशिम खां, सैय्यद ज़ाकिर नसीम वास्ती, सैय्यद शाहिद हुसैन रिज़वी, मिर्ज़ा कौसर, मोहम्मद नासिर रज़ा, इश्तेयाक़ कर्बलाई, सैय्यद अज़मी मेंहदी, सैय्यद नासिर हुसैन एडवोकेट, समर रज़ा, अहमद, राजा, हिटलर आदि उपस्थित थे।

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