Sunday, April 28, 2024
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विवाद सुलझाने के अलावा सामाजिक सद्भाव सुनिश्चित करती है लोक अदालत

  • मोटर दुर्घटना के 26 व प्रकीर्ण के 76 मामलों का हुआ निस्तारण
  • घायलों व मृतक के परिजनों को मिली 6.26 करोड़ रुपये क्षतिपूर्ति

हिमांशु श्रीवास्तव
जौनपुर। लोक अदालत वैकल्पिक विवाद समाधान की प्रणाली है। लोक अदालतें न केवल पक्षकारों के बीच विवादों को सुलझाती हैं बल्कि सामाजिक सद्भाव को भी सुनिश्चित करते हैं। पक्षकार मामलों को अपनी पूर्ण संतुष्टि के साथ आपसी सहमति से सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाते हैं। उक्त बातें राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन में एक्सीडेंट क्लेम के पीठासीन अधिकारी भूदेव गौतम ने कहीं। उन्होंने सड़क दुर्घटना के 26 मामलों का निस्तारण किया। जिसमें पीड़ित परिवारों को 2.04 करोड रुपए क्षतिपूर्ति मिलेगी। 76 प्रकीर्ण मामलों का निस्तारण किया गया जिसमें रिफंड बाउचर के माध्यम से 4,20,66,823 करोड़ रुपये याचीगण के पक्ष में अवमुक्त हुए।

ट्रिब्यूनल जज ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलन कर राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ किया। अधिवक्ताओं से अधिक से अधिक मामलों का निस्तारण कराकर पीड़ित परिवारों को शीघ्र क्षतिपूर्ति दिलवाने की बात कही। अधिवक्ता हिमांशु श्रीवास्तव व राना प्रताप सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत मामलों को सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाने के लिए एक मंच प्रदान करती है। पक्षकार मामलों को अपनी पूर्ण संतुष्टि के साथ आपसी सहमति से सुलझाते हैं जिससे दुर्घटना में घायल व मृतक के परिजनों को शीघ्र क्षतिपूर्ति मिल जाती है।

ट्रिब्यूनल जज ने भविष्य में और अधिक मुकदमों का निस्तारण करवाने व पीड़ित परिवारों को त्वरित क्षतिपूर्ति दिलवाने की अपेक्षा की है। इस अवसर पर अधिवक्ता वीरेंद्र सिन्हा, बीएल पटेल, एके सिंह, बृजेश निषाद, निलेश निषाद, सूर्यमणि पांडेय, अरविंद अग्रहरि, शोभनाथ यादव, जेसी पाण्डेय तथा कर्मचारी राज नारायण यादव, मोहसीन जमाल, सुधीर राय आदि उपस्थित थे।

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