Monday, April 29, 2024
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बालाजी कार्यदायी संस्था का 3 करोड़ का भुगतान लटका

  • कंक्रीट सप्लायरों व श्रमिकों का लाखों रुपये बकाया, एजेन्सी को जबरन रोका

बिरेन्द्र यादव
सरायख्वाजा, जौनपुर। उमानाथ सिंह स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय में कार्यदायी संस्था बालाजी का तीन करोड़ से अधिक बकाया फंसा है। संस्था भुगतान के लिये मेडिकल कॉलेज परिसर में जमी हुई है और ठेकेदारों व श्रमिकों का भी लाखों रुपए का भुगतान लटका हुआ है जिससे अधिकारियों का घेराव कर परिसर खाली करने से जबरन रोक दिया। उधर बिना टेंडर के दूसरी कंपनी काम भी शुरू कर दिया है।

उमानाथ सिंह स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय में अब नए निर्माण एजेंसी ने काम शुरू किया है। वहीं इसके पूर्व बालाजी को काम की जिम्मेदारी 2016 से दी गई थी। बीच मे 3 साल का बजट ना होने के कारण काम रूक गया था फिर कोरोना काल के चलते भी समस्याओं का सामना करना पड़ा।

महंगाई के चलते रेट रिवाइज के लिए भी कार्यदायी संस्था ने शासन से अनुरोध किया। इस बीच उन्होंने करीब 60 फ़ीसदी भवनों का निर्माण पूरा किया और मेडिकल की पढ़ाई भी शुरू हो गई लेकिन शासन की नजर में संस्था में खामिया कमियां देखी और शासन ने बालाजी एजेन्सी से काम करने के बजाय बाहर का रास्ता दिखा दिया और नई निर्माण एजेंसी को बिना टेंडर के काम सौंप दिया। एसबीआईपीएल यानी बाला जी कार्यदायी संस्था का अप्रैल से करीब तीन करोड़ का भुगतान नहीं किया गया है। कंपनी की ओर से बिल भी सबमिट कर दी गई, लेकिन भुगतान फंसा है और बालाजी के पीछे स्थानीय कंक्रीट सप्लायर व लेबर ठेकेदारों का बकाया है।

जिसके लिए वह बालाजी के अधिकारियों का घेराव कर भुगतान की मांग की और परिसर खाली करने से जबरन रोक दिया। बालाजी की ओर से हवाला दिया गया कि इस समय उसके यहां कोई साइट पर लेबर नहीं है सिर्फ 4 से 5 स्टाफ है और उनका भुगतान होते ही सबका भुगतान कर वह परिसर खाली कर देंगे। रेट रिवाइज बालाजी के ही टेंडर अनुरोध पत्र पर हुआ, टेंडर विस्तार हुआ लेकिन शासन ने अचानक बिना टेंडर के दूसरी कंपनी को काम दे दिया और कंपनी सवा महीने में धीमी गति से काम कर रही है।

——इनसेट——
हमारा 3 करोड़ का भुगतान अभी नहीं हुआ है। बिल हमने सबमिट कर दिया है और लोकल श्रमिकों का बकाया है, उनका भी भुगतान करना है। जिस दिन सबका भुगतान हो जाएगा उस दिन हम परिसर खाली कर देंगे। बगैर टेंडर के दूसरी कंपनी को काम दिया गया है जो उचित नहीं है।
विशाल गुप्ता
एमडी- बालाजी निर्माण एजेन्सी।

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