जौनपुर। शहीद—ए—आजम भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव और अवतार सिंह पाश की शहादत दिवस पर विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता गुरूवार को भगत सिंह सहित उनके साथियों की 92वीं शहादत दिवस पर शहीद पार्क सब्जी मंडी में भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किया। तत्पश्चात पार्क में संगोष्ठी का आयोजन कामरेड जय प्रकाश सिंह की अध्यक्षता में हुआ जहां संचालन लाल प्रकाश राही ने किया। इस मौके पर कामरेड जय प्रकाश सिंह ने कहा कि इस शोषणकारी दमनकारी पूंजीवादी व्यवस्था के विरुद्ध भगत सिंह अपने छोटे से जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण संघर्ष चला रहे थे। उनके संगठन ने उत्तर भारत ही नहीं, बल्कि पूरे भारत में विस्तार कर लिया था। भगत सिंह की क्रांतिकारी विचारधारा की लहर उस दौर में गांधी से भी आगे बढ़ गयी थी। उन्होंने कहा कि भगत सिंह आज के परिप्रेक्ष्य में भी सबसे महत्वपूर्ण क्रांतिकारी के तौर पर इस युग के नौजवानों के आदर्श है। इसी क्रम में कामरेड किरण शंकर सिंह ने भगत सिंह के विचारों को जनमानस तक फैलाने पर जोर देते हुए कहा कि आज की सरकारें अंग्रजी सरकार और व्यवस्था से कहीं ज्यादा खतरनाक और जन विरोधी है। वहीं लाल प्रकाश राही ने संचालन करते हुए भगत सिंह के विचारों को युगांतरकारी विचार की संज्ञा देते हुए कहा कि भगत सिंह वर्तमान पर ही नहीं, बल्कि भविष्य पर भी उनकी बहुत पैनी नज़र रखे हुए थे। समाज व्यवस्था का कोई ऐसा भाग नही है जिस पर उन्होंने अपने विचार न दिये हो। इसी क्रम में कामरेड विजय प्रताप सिंह, कामरेड रामकुमार सिंह सहित अन्य वक्ताओं ने अपने विचार रखे। इस अवसर पर सुषमा, सीमा, संतोष, उदयराज, करिश्मा, अंबिका, कुसुम, लाल बहादुर, सतवंत सिंह, सुभाष कुशवाहा, मिथिलेश मौर्य, शिवभुवन सिंह समेत तमाम लोग उपस्थित रहे।