- जीवन में शिक्षक के महत्व को बताया महत्वपूर्ण
- केराकत क्षेत्र में शिक्षक दिवस पर स्कूल व कालेजों में मची रही धूम
विनोद कुमार
केराकत, जौनपुर। शिक्षक दिवस भारत में प्रतिवर्ष 5 सितंबर को देश के पहले उपराष्ट्रपति, विद्वान, दार्शनिक व भारत रत्न से सम्मानित डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इसी दिन देश भर के स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षक दिवस धूमधाम से मनाया जाता है। छात्र अपने प्रिय शिक्षकों के प्रति अपनी प्रशंसा व्यक्त करने के लिये कई तरह के कार्यक्रम भी करते हैं। इस दिन कई स्कूलों में छात्र खुद शिक्षक बनते हैं। साथ ही वे उन गुरुओं को भी याद करते हैं, जो स्कूल छोड़ चुके होते हैं। स्कूली छात्रों के लिये 5 सितंबर उत्सव का दिन होता है। इसी कड़ी में केराकत क्षेत्र के छितौना गांव स्थित होली चाइल्ड पब्लिक स्कूल में केक काटकर शिक्षक दिवस मनाया गया। इस दौरान छात्र/छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम कर उपस्थित सभी लोगों का मन मोह लिया। साथ ही क्षेत्र के अन्य स्कूल, विद्यालयों में शिक्षक दिवस की धूम मची रही। सभी लोगों ने अपने अपने तरीकों से शिक्षक दिवस को हर्षोल्लास से मनाया।
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बदलते दौर में शिक्षक और विद्यार्थी के रिश्ते में बदलाव हो रहे हैं। हमें जरूरत है कि हम शिक्षक और विद्यार्थियों के रिश्तों को और मधुर बनायें। शिक्षकों को सम्मान देने के लिए विद्यार्थियों द्वारा जो पहल की जा रही है उसकी सराहना योग्य है। डॉ. राधाकृष्णन के लोकप्रियता के कारण उन्हें देशरत्न भी कहकर पुकारा जाता है। हर किसी के जीवन में एक गुरु या शिक्षक का होना बेहद आवश्यक है क्योंकि उनके बताये हुए मार्ग पर चलकर एक आदर्श समाज का निर्माण किया जा सकता है।
फरहान अहमद, डेहरी प्रधान प्रतिनिधि।
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शिक्षक का बच्चों के भविष्य में महत्वपूर्ण योगदान होता है। एक शिक्षक के बिना छात्र का जीवन अधूरा रहता है। जिंदगी में यदि हम थोड़े भी सफल होते हैं तो इसका श्रेय हमारे माता-पिता के बाद जिन्हें जाना चाहिए वो हैं हमारे शिक्षक। हम तो महज एक मिट्टी हैं जबकि हमें किसी भी रूप में ढालने का काम कुम्हार रूपी शिक्षक करते हैं।
रूबी यादव
बीएड बीटीसी छात्रा।
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शिक्षक दिवस छात्रों के लिये विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह उन गुरुओं का सम्मान करता है जिन्होंने अपने समर्पण ज्ञान के माध्यम से अनगिनत लोगों के जीवन को आकार देते है। माता-पिता हमें जन्म देते हैं लेकिन सही गलत का फर्क शिक्षक ही हमें सिखाते हैं जिससे हमारा चरित्र निर्माण होता ही है साथ ही सही मार्गदर्शन भी मिलता है जो हमारे उज्जवल भविष्य के लिए बेहद जरूरी है। यही कारण है कि शिक्षकों का स्थान माता-पिता से भी ऊपर होता है।
जयकेश भास्कर
बीटीसी छात्र।
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शिक्षा के बिना हम अपने जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं। आने वाले समय में शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव होने वाले हैं लेकिन सभी छात्रों को निस्वार्थ भाव से शिक्षक की शिक्षा हमारे अंदर की बुराइयों को दूर कर हमें एक बेहतर इंसान बनाने के लिए काफी मेहनत करते हैं। अतः शिक्षकों के इस योगदान के लिए हमें अपने शिक्षकों का आदर और सम्मान करना चाहिये।
छाया कुमारी
बीकॉम छात्रा।