Sunday, April 28, 2024
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सेहत के लिये वरदान हैं मोटे अनाज: जिलाधिकारी

जौनपुर। कृषि विभाग द्वारा सोमवार को कलेक्ट्रेट स्थित काशीराम सामुदायिक भवन सभागार में उत्तर प्रदेश मीलेट्स पुनरोद्धार योजना अन्तर्गत स्कूल कैरीकुलम के माध्यम से अध्यापकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ जहां श्री अन्न के महत्व एवं उपयोगिता से अध्यापकों को प्रशिक्षित किया गया। अध्यक्षता करते हुये जिलाधिकारी अनुज झा ने कहा कि भारत सरकार की कोशिशों के बाद वर्ष 2023 को दुनिया भर में मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। सरल शब्दों में कहें तो गेहूं और चावल को छोड़कर ज्वार, बाजरा, मक्का, सावा, कोदो, रागी, जौ, जई आदि को मोटे अनाज में शुमार किया जाता है।

गेहूं और चावल की तुलना में मोटे अनाजों की सतह तुलनात्मक रूप से खुरदरी होती है। आहार व पोषण विशेषज्ञ मोटे अनाजों की खूबियों से इतने प्रभावित हैं कि इन्हें सुपरफूड्स के रूप में मान्यता दे रहे, अपने विद्यालय के छात्र-छात्राओ को मोटे अनाज की उपयोगिता से जागरूक करें, ताकि उनके परिजन मोटे अनाज की खेती करें, श्री अन्न को एमडीएम में भी शामिल किया जाएगा जिससे जनपद में मीलेट्स के उत्पादन को बल मिलेगा, मानव स्वास्थ्य बेहतर होगा तथा किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी। इसी क्रम में उप कृषि निदेशक हिमांशु पांडेय, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. गोरखनाथ पटेल, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डा. आरके सिंह, भूमि संरक्षण अधिकारी शशिकेश, डा. सुरेन्द्र प्रताप, कृषि वैज्ञानिक डा. संदीप कुमार आदि ने भी सम्बोधित किया।

संचालन करते हुये उप परियोजना निदेशक आत्मा डा. रमेश चंद्र यादव ने कहा कि मोटे अनाजों की खेती से किसान कम लागत व स्वच्छ पर्यावरण में बेहतर उत्पादन को लेकर कृषि का सतत विकास कर सकते है। इस अवसर पर उप जिला विद्यालय निरीक्षक रमेश यादव, जिला कृषि रक्षा अधिकारी विवेक कुमार, डा. लाल बहादुर, उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी डा. स्वाति पाहुजा, अमित कुमार सहित 100 अध्यापक बेसिक शिक्षा एवं 100 अध्यापक माध्यमिक शिक्षा से मौजूद रहे।

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