- एक साथ 5 शव घर से निकलने पर चहुंओर छाया मातमी माहौल
- नौकरी के नाम पर 7 लाख रूपया दिया था मृतक
- न नौकरी मिली और न ही रूपये तो हो गया हताश
महेश पाल/अजय पाण्डेय
मड़ियाहूं, जौनपुर। स्थानीय थाना क्षेत्र के जयरामपुर गांव में अपने पूरे को मौत की नींद सुलाकर खुद फांसी के फंदे पर झूलने वाला युवक स्कूल में चपरासी की नौकरी करके अपने बाल—बच्चों की परवरिश करके राजा बाबू बनाना चाहता था लेकिन शिक्षा माफियाओं के चंगुल में फंसने के कारण उसका जहां सपना चकनाचूर हो गया। वहीं गाढ़ी मेहनत की कमाई का 7 लाख रूपये भी डूब गया जिसके कारण वह हताश होकर पूरे परिवार समेत काल के गाल में समा गया। यह खुलासा हुआ है उसके द्वारा लिखे गये एक सुसाइड नोट से।
पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। जानकारी के अनुसार मड़ियाहूं कोतवाली क्षेत्र के जयरामपुर गांव के निवासी नागेश विश्वकर्मा ने बुधवार को पत्नी राधिका, बेटी निकेता, बेटा आदर्श और 3 वर्षीया मासूम बेटी आयुषी का कपड़े से गला घोंटकर मौत के घाट उतारकर खुद कमरे के अंदर फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया। यह हृदयविदारक घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। यह सनसनीखेज वारदात की जानकारी होते ही पुलिस महकमे में हड़कम्प मच गया। मौके पर पुलिस अधीक्षक डॉ अजयपाल शर्मा समेत भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल किये।
पुलिस को मौके से कई साक्ष्य मिले हैं जिसमें एक पतली कापी में नागेश विश्वकर्मा द्वारा लिखा गया एक सुसाइड नोट मिला। एसपी ग्रामीण शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि इस मामले की जांच पड़ताल में कई चीजे मौके से मिली है जिसमें एक पतली कापी मिली जिसे चेक करने पर मृतक नागेश द्वारा लिखा गया है कि वह अपने पत्नी और बच्चों की हत्या का खुद जिम्मेदार है। उसने आगे लिखा है कि मैने भानु प्रताप विश्वकर्मा पुत्र बंशराज निवासी सलारपुर थाना नेवढ़िया के माध्यम से शिव आसरे सिंह पुत्र स्व0 सरजू सिंह को काकोरी थाना जलालपुर जिनका सरजू प्रसाद पूर्व माध्यमिक विद्यालय है, में चपरासी की नौकरी के लिए 7 लाख रूपये दिया था। वह न नौकरी दिये और न ही पैसा वापस कर रहे हैं जिसके कारण हमने यह कदम उठाया है। एएसपी ग्रामीण ने कहा कि मृतक के भाई त्रिभुवन विश्वकर्मा की तहरीर व मौके से मिले सुसाइड नोट को संज्ञान में लेते हुए मुकदमा दर्ज करके दोनों आरापियों को हिरासत में लेकर कानूनी कार्रवाई की जा रही है।