Monday, April 29, 2024
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अनुभवहीन युवक के हाथों में कांग्रेस की डोर!

आखिर कैसे मजबूत होगी पिछड़े व अल्पसंख्यक मतों पर पकड़?
तामीर हसन शीबू
जौनपुर। अनुभवहीन युवक के हाथों में कांग्रेस की बागडोर सौपे जाने से जिले के दिग्गज कांग्रेसी बैकफुट पर आ गए हैं। वजह यह कि जिस युवक को पार्टी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष ने कार्यवाहक जिलाध्यक्ष के रूप में जो जिम्मेदारी सौपी है, वह खुद अपने आपमें राजनैतिक अनुभवहीनता को जगजाहिर कर देती है। आखिर मिशन 2024 में पार्टी को दिल्ली की सियासत में कैसे मजबूती मिलेगी? जब जौनपुर जैसे बड़े राजनैतिक क्षेत्रफल वाले जिले में ओबीसी और अल्पसंख्यक कैडर वाले अनुभवी नेताओं को छोड़ दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय सीट से बिल्कुल सटे पूर्वी यूपी की राजनीति में अपनी खासी अहमियत रखने वाले शिराजे हिंद के नाम से प्रसिद्ध इस जिले में हर आम और खास राजनीति की नब्ज को बेहद ही गंभीरता से पकड़ता है।
वैसे भी कर्नाटक राज्य में कांग्रेस को मिली जीत से जौनपुर के पुराने कांग्रेसियों को भी एक नई उम्मीद जग गई थी कि अपने पुराने जिलाध्यक्ष फैसल हसन तबरेज की अगुवाई में एक बार फिर नए जोश और उत्साह के साथ आम जनता के लिए पार्टी उसकी आवाज बनेगी लेकिन इसके एकदम उलट पार्टी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष द्वारा बिल्कुल नए लड़के के हाथ में पार्टी जिलाध्यक्ष की कमान सौंपा जाना जिले में खासी चर्चा का विषय बन गया है।
राजनीति के जानकार इस नियुक्ति को ही सवालों के घेरे में मानने लगे हैं। उनका कहना है कि जब जिला, तहसील, ब्लाक और मंडल स्तर इकाई ही नहीं, मजबूत होगी तो मिशन 2024 में सांप्रदायिक ताकतों से मुकाबला आखिर कैसे लिया जाएगा। वह भी कांग्रेस जैसी पार्टी में ओबीसी और अल्पसंख्यक वर्ग को अपने पाले में करने के लिए हर जोर आजमाइश कर रही है लेकिन जौनपुर जिले में कार्यवाहक जिलाध्यक्ष पद पर हुई नियुक्ति एक नए सियासी विरोध का आगाज कर गई हैं। फिलहाल मामला आगे क्या गुल खिलाएगा, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन जिले के दिग्गज कांग्रेसी ओबीसी मतों के सियासी गढ़ वाले जौनपुर में पार्टी अपने नए जनाधार को बटोरने से पहले पुराने जनाधार को ही डुबाने में लग गई है।

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