Monday, April 29, 2024
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चिकित्सक व विवेचक के खिलाफ दायर वाद को कोर्ट ने किया निरस्त

  • कोर्ट ने कहा— लगाया गया आरोप फर्जी व मनगढ़ंत

देवेन्द्र यादव
जौनपुर। दुर्गा डायग्नोस्टिक सेंटर नईगंज की डॉ. स्वाति यादव समेत तीन के खिलाफ दाखिल वाद सीजेएम ने सुप्रीम कोर्ट के विधि व्यवस्था का हवाला देते हुए निरस्त कर दिया। कहा कि वादी द्वारा विपक्षी लोगों पर दबाव बनाने के उद्देश्य से मनगढ़ंत कथनों के आधार पर प्रार्थना पत्र दिया गया था।

वादी प्रमोद कुमार यादव निवासी बेलछा थाना बक्सा ने कोर्ट में धारा 156/3 के तहत विपक्षी हरिनारायन के अलावा मुकदमे के विवेचक और दुर्गा डायग्नोस्टिक सेंटर की डा. स्वाति यादव के खिलाफ प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था कि 19 मार्च 2022 को उनके पट्टीदार हरिनारायन यादव से विवाद हुआ। इसमें दोनों पक्षों की ओर से थाना बक्सा में मुकदमा दर्ज हुआ। जिसमें आरोप लगाया गया कि हरिनारायन प्राइवेट हॉस्पिटल की डॉ. स्वाती यादव पत्नी डा. आलोक यादव से गलत तरीके से फर्जी मेडिकल तैयार कर लिया और बक्सा पुलिस को साजिश में लेकर धारा 308 में बढ़ोत्तरी कराई गई।

जिसमें एक लोग गिरफ्तार भी हुए। वादी द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र पर डीएम ने मेडिकल बोर्ड का गठन किया। जिसमें हरिनारायन मेडिकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित नहीं हुए। उधर कोर्ट ने पत्रावली के अवलोकन में पाया कि दुर्गा डायग्नोस्टिक सेंटर से हुए सीटी स्कैन एक्स-रे मेडिकल व वाराणसी के ट्रामा सेंटर में हुए सिटी स्कैन एक्स-रे मेडिकल में सिर में फैक्चर आना पाया गया। कोर्ट में विवेचक ने भी बताया कि जो एक्स-रे, सीटी स्कैन व मेडिकल में है उसी के आधार पर मुकदमे का निस्तारण किया जाए।

दोनों पक्ष के मुकदमे विचाराधीन है, तमाम साक्ष्य सबूत को देखने के बाद कोर्ट ने आदेश में लिखा कि वादी प्रमोद यादव द्वारा लगाया गया आरोप प्रथम दृष्टया व्यक्तिगत लाभ प्राप्त करने की नीयत से लगाया जाना प्रतीत हो रहा है। ऐसा लगता है कि वादी ने विपक्षीगण पर दबाव बनाने के उद्देश्य से मनगढ़ंत कथनों के आधार पर प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था जो फर्जी साबित हुआ। सुप्रीम कोर्ट के विधि व्यवस्था का हवाला देते हुए वादी का दाखिल वाद निरस्त कर दिया।

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