Sunday, April 28, 2024
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तबादले के बावजूद भी आरक्षीगण पुराने थाने एवं चौकियों पर ही तैनात हैं, आखिर क्यों?

  • क्यों नहीं आमद करा रहे नये थाने व चौकियों पर आरक्षी?

जौनपुर। उत्तर प्रदेश पुलिस जनपद में तबादले किये गये आरक्षियों में और वहां पर तैनात आरक्षियों में अंदरूनी विवाद की सुलग रही है चिंगारी। अवगत कराते चलें कि जनपद के २९ थानों और उनके चौकियों पर तैनात आरक्षियों का तबादला होने के बावजूद भी क्यों नहीं छोड़ना चाह रहे हैं अपने पुराने थाना व चौकियों को आरक्षी? इसका अर्थ है कि अपनी जमी—जमाई रोजी—रोटी, व्यवसाय, आमदनी को भला कौन छोड़कर जाना चाहेगा परन्तु बड़ा सवाल यह है कि सरकारी कर्मचारी तो है, तनख्वाह तो वहां भी मिलेगी जहां हुआ है उनका स्थानांतरण। वहां पर रोटी के साथ जो मलाई कोफ्ता यहां मिल रहा है, क्या वहां मिल सकेगा?

क्या मौजूदा अधिकारी की तरह वहां का अधिकारी मिल पाएगा? जिसे हम अपने इशारे और उसके इशारे पर हम अपना उल्लू सीधा कर लेते हैं। तो क्या वहां भी ऐसी विचारधारा मिल सकेगी। साथ ही बहुत से ऐसे विभागीय अंकगणित है जो हम और हमारे साहब ही समझ सकते हैं। ऐसा ही विचार है उन आरक्षियों की जिनका स्थानांतरण हुआ परन्तु आज तक आमद नहीं कराये हैं जिसमें जनपद के कई थाने और पुलिस चौकी के सिपाही शामिल हैं परन्तु उच्चाधिकारियों को अपने नाक के नीचे हो रहे इस गोरख सिस्टम को न देख पा रहे हैं और न ही उनके खिलाफ कोई कार्रवाई कर पा रहे है आखिर क्यों? सूत्रों की मानें तो कागजों में ही हो रहा है जिले का लॉ एंड आर्डर मिंटेन। क्या सीढ़ी—दर—सीढ़ी नियुक्त कर्मचारी—अधिकारी हर प्रकार से एक—दूसरे के पूरक बने बैठे हैं? क्या जिले की कानून व्यवस्था को मजबूत दुरुस्त करने वाली पद्धति यही है? क्या उपनिरीक्षक व निरीक्षक का स्थानांतरण कर देने मात्र से कानून व्यवस्था सुदृढ़ और मजबूत हो सकती है।

नहीं, क्योंकि गांव, मोहल्ला, खेत, खलिहान, किसका घर—किसके घर में कौन—कौन, किसके घर में आज क्या भोजन बना, किसके बीच चल रही अदावत, विवाद सभी की जानकारी की कुंडली लिए बैठी है। सालों—साल से उस क्षेत्र में तैनात आरक्षी। स्थानांतरित निरीक्षक व उपनिरीक्षक के बन जाते हैं धनलक्ष्मी गुरु आरक्षी जिसके कारण तबादला होने के बाद भी न खुद जाना चाहते हैं और न ही नये पहुंचे उपनिरीक्षक—निरीक्षक जाने देते हैं। इसमें परेशान हलाकन होती है स्थानीय जनता। जो परेशान हो, उसे और करो परेशान और जो क्षेत्रीय दबंगों को करो सहयोग जिससे अपनी पुलिसिया दुकान चलती रहे।

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