Sunday, April 28, 2024
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किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता पर किया जाय निस्तारित: डीएम

  • किसान दिवस का किया गया आयोजन

जौनपुर। जिलाधिकारी अनुज कुमार झा की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में किसान दिवस का आयोजन किया गया। किसान दिवस के अवसर पर जिलाधिकारी द्वारा किसानों की समस्याओं को सुनते हुए संबंधित अधिकारियों को निस्तारण के निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता पर निस्तारित किया जाए। जिला कृषि अधिकारी केके सिंह ने अवगत कराया कि जनपद में उर्वरक एवं बीज उपलब्ध है। प्राइवेट उर्वरक दुकानों पर अधिक मूल्य पर डीएपी बेचे जाने पर जिला कृषि अधिकारी को 9792669254 नम्बर पर अवगत करायें। जिला उद्यान अधिकारी ने अवगत कराया कि एकीकृत बागवानी के तहत निःशुल्क बीज वितरण और कार्यालय में आलू का बीज उपलब्ध हो गया है। किसान भाई इसे ले सकते हैं। मशरूम यूनिट पर 40 प्रतिशत अनुदान है, शहद और मधुमक्खी पालन के लिये भी किसान आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने ड्रिप और स्प्रिंकलर और नैनो यूरिया के लाभ के बारे में विस्तार से बताया।

उन्होंने किसानों को फूलों की खेती, मशरूम की खेती, शहद की खेती करने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि स्ट्राबेरी खेती बहुत ही लाभदायक है इच्छुक किसान रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। प्रधानमंत्री सिचाई योजना में अधिक से अधिक रजिस्ट्रेशन कराकर लाभ लें। रजिस्ट्रेशन हेतु खतौनी, आधार कार्ड, और रजिस्ट्रेशन की प्रति की आवश्यकता होगी। जिलाधिकारी ने कहा कि धान का क्रय 01 नवंबर से शुरू होगा। पीएम किसान सम्मान निधि योजना में ई के-वाईसी के लिए रोस्टर वार कार्यक्रम लगाए जाएं जहाँ पर आधार फीडिंग एवं पोस्ट ऑफिस के द्वारा खाता खोला जाएगा। भूमि सत्यापन का कार्य किया जा रहा है। जनपद में किसान क्रेडिट कार्ड कम बने हैं, अधिक से अधिक किसान क्रेडिट कार्ड बनाए जाए जिससे बड़ी संख्या में किसान इसका लाभ ले सके। 02 महीने का अभियान धारा 24 के निस्तारण के लिए चलाया जा रहा है जिसके लिए सभी किसान अपने मामलों की पैरवी कर निस्तारण कराये। जिलाधिकारी ने कहा कि किसान अपने धान क्रय केंद्र पर ही बेचे। सभी किसान केन्द्र पर नमी मापक यंत्र उपलब्ध है।

उन्होंने सुझाव दिया कि किसान अपने धान का सैम्पल लेकर जाए और नमी की जांच कराले उसके बाद धान क्रय केंद्र पर ले जाएं। क्रय केन्द्र पर नमी मापक यन्त्र उपलब्ध है 17 प्रतिशत नमी तक क्रय किया जाएगा। इस अवसर पर किसानों को पराली न जलाने का सुझाव दिया गया। खेत में ही कृषि यंत्रों से खाद बनाकर खेत की उर्वरता बढ़ाए। पराली जलाने की घटनाएं होने पर कार्रवाई की जाएगी। वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डा. सुरेश कुमार कन्नौजिया एवं डा. आरके सिंह ने रबी फसलों की उन्नतिशील तकनीकों से प्रशिक्षित किया। संचालन उप परियोजना निदेशक आत्मा डा. रमेश चन्द्र यादव ने किया।

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