जौनपुर। महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जयदेव जी की 25वीं पुण्यतिथि/स्मृति दिवस का आयोजन नगर के ढालगर टोला स्थित आवास पर उनके जेष्ठ पुत्र विशेष न्यायिक दण्डाधिकारी अशोक चक्रवर्ती/पूर्व अ0प्रा0 प्रशासनिक अधिकारी कलेक्ट्रेट द्वारा किया गया। इसके पहले कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए अवकाशप्राप्त जिला जज अजय श्रीवास्तव ने जयदेव जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किया जिसके बाद देश की आजादी में अपने प्राणों की आहुति दे चुके समस्त वीर सपूतों को नमन किया। साथ ही देश को आजादी दिलाने में उनके द्वारा किए गए अथक प्रयास पर प्रकाश डाला। इसी क्रम में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी को नमन करते हुए अमरेंद्र चक्रवर्ती एवं समरेंद्र चक्रवर्ती के बाद उपस्थित सभी लोगों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किया। इस मौके पर बताया गया कि जनपद की माटी में 3 दिसम्बर 1903 को जन्मे महान स्वतंत्रता सेनानी जयदेव जी छात्र जीवन से ही सक्रिय राजनीति में आ गए थे। आजादी खातिर दिल में देशभक्ति का जोश और जज्बा संजोए वर्ष 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में भी कूद पड़े थे। ब्रिटिश सरकार ने उन्हें 16 वर्ष की जेल की सजा भी दी थी। एक अन्य मामले में 14 वर्ष की सजा अंडमान सेंट्रल जेल की हुई थी। इसके बाद काला पानी भेज दिए गए थे। आजादी के काफी दिनों बाद इन्हें छोड़ा गया। देश में आजादी की लड़ाई लड़ने वाले इस क्रांतिकारी सपूत ने अपनी सरकार में कोई भी पद लेने से मना कर दिया था। ग़ुलाम भारत में जन्म लेकर आजादी के सपनों को साकार कर 95 वर्ष की आयु में 18 जनवरी 1998 के दिन देश को अलविदा तथा अपनों को जुदा कर चले जयदेव जौनपुर के उन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों में से एक थे जिन्हें स्वतंत्रता की 25वीं वर्षगांठ पर देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हाथों लाल किले में प्रथम ताम पत्र भेंट करके सम्मानित किया गया था जिस कारण प्रदेश के साथ जनपद का नाम रोशन हुआ था। अंत में उनके ज्येष्ठ पुत्र अशोक चक्रवर्ती विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर प्रकाश चंद त्रिपाठी विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट, विकास श्रीवास्तव फिंगर स्पेशलिस्ट, एडवोकेट संजीव नागर, एडवोकेट अरुण यादव, एडवोकेट विजय कुमार, एडवोकेट प्रमोद कुमार सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।