Sunday, April 28, 2024
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मुंह से लेकर दिमाग तक तम्बाकू धीरे-धीरे पूरे शरीर को कर देता है खोखला: डा. क्षितिज शर्मा

सेहत के लिये तम्बाकू का सेवन जानलेवा, लायन्स क्लब मेन ने लोगों को किया जागरूक
जौनपुर। लायन्स क्लब जौनपुर मेन द्वारा विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर संगोष्ठी आयोजित हुई जिसके माध्यम से तंबाकू और इसके उत्पाद के सेवन से संबंधित जोखिम और परिवार, समाज और पर्यावरण पर इसके बुरे प्रभाव के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए जागरुक किया गया। संस्थाध्यक्ष संदीप गुप्ता ने कहा कि तंबाकू न केवल स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि पर्यावरण को भी कई तरह से बुरी तरह प्रभावित करता है। एरिया लीडर जीएटी डा. क्षितिज शर्मा ने कहा कि मुंह से लेकर दिमाग तक तंबाकू धीरे-धीरे पूरे शरीर को खोखला कर देता है। तंबाकू के सेवन से व्यक्ति को निकोटीन की आदत पड़ जाती है और इसका असर दिमाग पर भी पड़ता है। तंबाकू के सेवन से दांत-मुंह से संबंधित बीमारियां होने लगती है। यह आंखों की रौशनी भी कम कर देता है। ब्लड प्रेशर बढ़ाता है, तम्बाकू फेफड़ों के लिए भी बहुत खतरनाक है। तंबाकू के सेवन से कई गंभीर और जानलेवा बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। फेफड़ों में कैंसर, लिवर कैंसर, मुंह का कैंसर, कोलन कैंसर और गर्भाशय का कैंसर होने का जोखिम रहता है। इसके अलावा हृदय रोग और इरेक्टाइल डिस्फंक्शन जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं।

वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डा अजीत कपूर ने कहा कि सेहत के लिए तंबाकू का सेवन जानलेवा हो सकता है। तंबाकू या धूम्रपान व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य के साथ ही शारीरिक सेहत पर भी नकारात्मक असर डालता है। डा मदन मोहन वर्मा ने कहा कि इस वर्ष की थीम है- “हमें भोजन की आवश्यकता है, तंबाकू की नहीं ” जिसका उद्देश्य तंबाकू किसानों के लिए वैकल्पिक फसल उत्पादन और मार्केटिंग के अवसरों के बारे में जागरुकता बढ़ाना और उन्हें टिकाऊ पौष्टिक फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित करना है। चार्टर सचिव अरुण त्रिपाठी ने कहा कि तंबाकू के सेवन से सेहत पर पड़ने वाले इसके खराब प्रभावों के बारे में और तम्बाकू के इस्तेमाल को कम करने या बंद करने के लिए लोगों में जागरुकता बढ़ाने की आवश्यकता है। मनोज चतुर्वेदी व अजय आनन्द ने कहा कि मनुष्यों में तमाम तरह की स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ गई हैं।

ऐसी-ऐसी गंभीर बीमारियां सामने आ रही हैं जिनका इलाज करवाना एक सामान्य कमाई वाले व्यक्ति के बस की बात नहीं होती। गोष्ठी का संचालन सैय्यद मोहम्मद मुस्तफा ने किया। इस अवसर पर अशोक मौर्य, राजीव श्रीवास्तव, शकील अहमद, अनिल वर्मा, रामकुमार साहू, शत्रुघ्न मौर्य, शिवानन्द अग्रहरि, नरेश सेठ, गोपीचंद साहू, संजय श्रीवास्तव, मदन गोपाल गुप्ता, नीरज शाह, परमजीत सिंह, संगीता गुप्ता, मधु चतुर्वेदी, मिदहत फात्मा, हेमा श्रीवास्तव, सुधा रानी, ज्योति शाह, रविन्द्र कालरा, संजय खान, रंजीत सिंह, लखन श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।

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