जौनपुर। ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रवक्ता मौलाना डॉ. यासूब अब्बास ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि लोकसभा चुनाव नजदीक है और हम अल्पसंख्यक में अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं। ऐसे में हमारी सरकार व अन्य दलों से मांग है कि सच्चर कमेटी की सिफारिशों को लागू करने के साथ शिया समुदाय को खासतौर पर सरकार की योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए। हम शिया समुदाय के हक की लड़ाई लड़ते चले आ रहे हैं और आगे भी लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि अक्सर देखा गया है कि सरकारी योजनाएं अल्पसंख्यक समुदाय के लिए आती तो बहुत हैं परंतु उसका फायदा उन लोगों तक नहीं पहुंच पाता जिसके वे हकदार है।
मौलाना यासूब अब्बास रविवार की रात नगर के मख्दूम शाह अढ़न चहारसू में एक मजसिल को खेताब करने आये थे। उन्होंने कहा कि जस्टिस सच्चर कमेटी द्वारा जो सिफारिशें सरकार को सौंपी गई थी, उसको लेकर ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड दो बार मिले भी थे लेकिन उनके निधन के बाद सिफारिशों को लागू करने में सरकार न जाने क्यों किनाराकशी कर रही है। ऐसे में सरकार पुन: एक कमीशन बनाकर अल्पसंख्यकों व खास तौर पर शिया समुदाय किस हाल में है और उनकी जिंदगी कैसे बेहतर हो, इस पर विचार करना चाहिए और हमारे हिस्से का हक अलग करें, क्योंकि हमारे समुदाय में नौजवान बेरोजगार है, छोटे काम के लिए भी उसको काफी परेशानियां उठानी पड़ती है।
उन्होंने कहा कि बच्चों को शिक्षित करने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। फिलिस्तीन और इजराईल युद्ध पर मौलाना डॉ. अब्बास ने कहा कि इजराइल के जुल्म को दुनिया नजरअंदाज कर रही है। जिस तरह से बेगुनाह बच्चों, महिलाओं, जवानों व बुजुर्गों का खून इजराइल के बमबारी व हमलों में बह रहा है और दुनिया खामोश बैठी है, क्योंकि उसे डर है कि कहीं अमेरिका नाराज न हो जाये। उसमें कुछ इस्लामिक मुल्क भी शामिल हैं जो खुलकर इजराइल की मुखालफत नहीं कर रहे हैं। इसके पहले दिलशाद शेख ने मौलाना को अंगवस्त्रम व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर तमाम लोग उपस्थित रहे।