Monday, April 29, 2024
No menu items!

जगतगुरू ने सुनाया हनुमत महिमा

  • घर की तारीफ करते हुये कहा— यहां हीरा पैदा होते हैं
  • कहा— जौनपुर का नाम जमदग्निपुरम कराऊंगा

बिपिन सैनी
जौनपुर। मां शीतला चौकियां धाम में आयोजित 5 दिवसीय हनुमत कथा के प्रथम दिन तुलसी पीठाधीश्वर चित्रकूट धाम से पधारे परम् पूज्य जगतगुरू रामभद्राचार्य जी महाराज कथा मंच पर सायं साढ़े 7 बजे पहुंचे। मंच पर पहुंचते ही श्री राम स्तुति नीलांबुज-श्यामल कोमलाङ्ग सीता-समारोपित वामभागम। पाणौ महासायक चारुचापं, नमामि। राममं रघुवंशनाथम सुनाकर सियाराम चंद्र की जय, पवन सुत हनुमान की जय, शीतला चौकियां धाम की जय का जयकारा लगाया। इसके बाद भक्तों को श्री हनुमान जी के जीवन का वृतांत सुनाते हुए कहा कि जब हनुमान जी ने सूर्य नारायण को ग्रहण करने लगे तो इंद्र ने अपना वज्र हनुमान को मारा तो वज्र के प्रयोग से हनुमान के शरीर पर कोई चोट नही आई, बल्कि हनुमान के कपोल के ठोकर से वज्र टूट गया। इसके बाद इंद्र ने हनुमान का कीर्तन किया। सीताराम हनुमान, सीताराम हनुमान, सीताराम हनुमान, सीताराम हनुमान ये कीर्तन इंद्र ने ही बनाया। इसके बाद पंडाल में बैठे भक्तों की तालियों की गड़गड़ाहट से वातावरण गूंज उठा। जगत गुरू ने कहा बज्र ही जिसके अंग में समा गया। उनका नाम ही बजरंग बली हो गया।

  • जौनपुर की इष्ट मां शीतला को बताया बड़की अम्मा

चौकियां माता का जयकारा लगाकर कहा कि जौनपुर की इष्ट देवी हमारी बड़की अम्मा शीतला मईया है। इसके बाद ‘शीतले त्वं जगन्माता शीतले त्वं जगत्पिता। शीतले त्वं जगद्धात्री शीतलायै नमो नमः। जमैथा गांव से जुड़े आध्यात्मिक बातो को भी भक्तो को बताया। गृह जनपद के बारे में जगतगुरु ने जौनपुर की भोजपुरी भाषा में बोलकर भक्तों को खूब आनंदित किया। जौनपुर से हमारा गहरा लगाव है। जौनपुर की माटी में ही पला बढ़ा हूं और जितना हो सका, जनपद का नाम ऊपर ले गया। उन्होंने कहा कि आप सब मुझे बुलाइए। मैं प्रतिज्ञा करता हूं। प्रतिवर्ष एक कथा जनपद में कहूंगा। एक बार फिर तालियों की गड़गड़ाहट से पंडाल गूंज उठा। जौनपुर में हीरो, बल्कि नहीं हीरा पैदा होते हैं। विक्रम लैंडर को चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतारने पर हम सभी को गर्व है। इस बात का और भी गर्व है की पांच वैज्ञानिक जौनपुर से ही है।
इसी क्रम में उन्होंने कहा कि सुजानगंज का एटम बम, मडियाहूं का सोन पापड़ी और जौनपुर नगर की इमरती मुझे बहुत पसंद है। कथा से पूर्व मंच पर आसीन होते ही पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने जगतगुरु के बारे में कहा कि उनको सुनना हमारे लिए सौभाग्य की बात है। वह जनपद में आकर कथा कहे। उनको सुनना जनपद के लिए बड़ा सुखदाई है।जनपद में 52 वर्षों बाद आया था। जगतगुरु ने बताया कि 52 वर्षों बाद 54 वर्ष की अवस्था में जौनपुर वापस आया था। उस समय मैं जगतगुरु हो चुका था। जौनपुर के लाल को देश का दूसरा सर्वोच्च सम्मान पदम विभूषण मिला। यह भी गौरव की बात है।
जगतगुरु ने वादा किया कि 2024 से 30 तक जौनपुर का नाम जनदग्निपुरम करवा दूंगा। यदि मेरे मित्र मोदी जी प्रधानमंत्री बने। इसके बाद तालियों से वातावरण गूंज उठा। अंत में मंच पर उपस्थित सभी भक्तों ने आरती पूजन किया। इस मौके पर कथा पंडाल में हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

Most Popular