जय आत्मेश्वर
सारे रिश्तों के बीच, शरीर है पुल,
तन छूटते ही, रिश्ते मिलते हैं धूल।
है शाश्वत रिश्ता, आत्मा-परमात्मा,
संकल्प संग दो, नव-वर्ष में तूल।।
नव-वर्ष हो, मंगलमय आपका,
सद्भाव उपजे, भला हो सबका।
जीवन में सहज, सब घटना घटे,
परिस्थिति हों, सब आपके अनुकूल।।
नव-वर्ष की हार्दिक शुभकामना!
आत्मिक श्रीधर