Sunday, April 28, 2024
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जौनपुर पुलिस ने चलाया साइबर जागरूकता अभियान

चौपाल लगाकर आमजन को साइबर क्राइम व बचाव के बताये गये तरीके
किसी भी अन्जान नम्बर से आयी काल पर निजी/गोपनीय जानकारी न दें: ओम प्रकाश जायसवाल
जौनपुर। पुलिस महानिदेशक उ0प्र0 राजकुमार विश्वकर्मा के आदेशानुसार तथा पुलिस अधीक्षक डॉ0 अजय पाल शर्मा के निर्देशन में अपर पुलिस अधीक्षक नगर/ग्रामीण के पर्यवेक्षण में प्रत्येक माह के प्रथम बुधवार को साइबर जागरूकता अभियान चलाया जाता है। इसी क्रम में बुधवार को जनपद के सभी थाना क्षेत्रों में जागरूकता कार्यक्रम हुआ जहां साइबर एक्सपर्ट ओपी जायसवाल तथा थाना लाइन बाजार क्षेत्र अन्तर्गत सेन्ट पैट्रिक स्कूल सिपाह में साइबर जागरूकता कार्यक्रम हुआ जहां बच्चों को साइबर क्राइम के प्रति जागरूक किया गया। साथ ही बच्चों के सवाल का जबाब भी दिया गया। इस अवसर पर प्रधानाचार्या सिस्टर ग्रेसी जोसेफ, वरिष्ठ शिक्षक राकेश उपाध्याय, विनय पाण्डेय, विजय प्रताप सिंह, वतन सिंह, जिलिन एन्टोनी, आरती शुक्ला, बीडी सिंह आदि उपस्थित रहे। इसी प्रकार जनपद के समस्त प्रभारी निरीक्षक/थानाध्यक्ष द्वारा लोगों को साइबर क्राइम के प्रति जागरूक किया गया। इस मौके पर साइबर विशेषज्ञ ओम प्रकाश जायसवाल ने साइबर अपराध से बचाव हेतु सुझाव देते हुये बताया कि किसी भी अंजान व्यक्ति को अपनी निजी जानकारी जैसे एटीएम पासवर्ड, क्रेडिट/डेबिट कार्ड नंबर ईमेल, मैसेज या किसी अन्य माध्यम से प्रेषित न करें। किसी भी अंजान व्यक्ति के द्वारा पेमेंट भुगतान/प्राप्त करने के लिए भेजे गये किसी भी QR Code को स्कैन न करें, अन्यथा आपका खाता खाली हो सकता है। किसी भी प्रकार की बैंकिग सहायता के लिए गूगल द्वारा मिले नंबरों पर सम्पर्क न करें, बैंक द्वारा जारी किये गये हेल्पलाइन नंबरो पर ही संपर्क करें। सार्वजनिक स्थानों पर मोबाइल फोन में सर्च करने पर आने वाले वाईफाई या ब्लूटूथ सिग्नल को एक्सेप्ट न करें एवं अनजान लिंक पर कभी भी क्लिक न करें। श्री जायसवाल ने कहा कि साइबर अपराधी लोगों को ऑनलाइन ऐप में निवेश करने के लिए गुमराह कर देते हैं, ज्यादा रिटर्न का वादा करते हैं किंतु निवेश वापसी संदेहास्पद होती है। कभी भी त्वरित/जल्दी लाभ की उम्मीद में किसी भी संदेहास्पद ऐप्स में निवेश करने से बचें। किसी भी अंजान नंबर से आई कॉल पर सामने वाले व्यक्ति को किसी प्रकार की निजी/गोपनीय जानकारी न दें, अन्यथा आपसे ठगी की जा सकती है। साइबर अपराधी विज्ञापन, ईमेल, फोन कॉल और सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए लुभा सकते हैं या सरकारी प्राधिकरण का संदर्भ देते हुए लाभ का ऑफर देते हैं। कृपया किसी भी लालच में न आएं। विभिन्न प्रकार की लॉटरी, कौन बनेगा करोड़पति, घर बैठे लाखों कमाएं, इतने दिन में दोगुना पैसा, रिवार्ड, कैशबैक, लकी कस्टमर इत्यादि के लालच में न आएं और अपने साथ होने वाली धोखाधड़ी से बचें। श्री जायसवाल ने कहा कि बहुत से लोग शॉपिंग करते वक्त बार-बार कार्ड नंबर एंटर करने की परेशानी से बचने के लिए अपना कार्ड नंबर और एक्सपायरी वगैरह उस साइट पर सेव कर लेते हैं, ऐसा ना करें। किसी भी वेबसाइट, सर्वर, मोबाइल या डेस्कटॉप पर क्रेडिट/डेबिट कार्ड्स की डिटेल सेव न करें। अगर आप क्रेडिट कार्ड से पेमेंट कर रहे हैं तो ऐसे कार्ड से पेमेंट करें जिसकी लिमिट कम हो। अगर आप डिजिटल वालेट से पेमेंट कर रहे हैं तो ध्यान रखें कि उसमें भी पहले से पैसे ना पड़े हों जब आप शॉपिंग करें तभी पेमेंट ट्रांसफर करें। सार्वजनिक साइबर कैफे में इंटरनेट का प्रयोग करने के बाद हिस्ट्री अवश्य डिलीट कर दें। साइबर विशेषज्ञ ने बताया कि अगर गूगल पे, फोन पे, पेटीएम जैसे ऑनलाइन पेमेंट, यूपीआई ऐप का इस्तेमाल करतें हैं तो अच्छी तरह से ध्यान रखें कि आपको पैसे पाने यानी मनी रिसीव करने के लिए कभी भी किसी लिंक को क्लिक नही करना होता है। किसी भी वेबसाइट पर जरूरत से अधिक जानकारी देने से बचें, जैसे आपका अकाउंट नंबर, निजी गोपनीय जानकारी आदि। संभव हो तो उस वेबसाइट को इग्नोर कर किसी अन्य साइट का इस्तेमाल करें।

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