Monday, April 29, 2024
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पत्रकार उत्पीड़न प्रकरण

प्रेस की स्वतंत्रता पर अतिक्रमण/कुठाराघात का प्रतीत होता है प्रकरण: नंगसंगलेम्बा
पत्रकारों पर फर्जी मुकदमे में भारतीय प्रेस परिषद ने पुनः भेजा नोटिस
मुख्य सचिव, गृह सचिव सहित पुलिस महानिरीक्षक, डीएम, एसपी को नोटिस जारी
विनोद कुमार
केराकत, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के ग्राम पेसारा में अस्थाई गौशाला में गोवंशो की दुर्दशा पर छापी गई खबर के तीसरे दिन प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा चार पत्रकारों पर दबाव बनाने के उद्देश्य से स्थानीय कोतवाली में संवेदनशील धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया। मामले की जानकारी होते ही भारतीय प्रेस परिषद हैरानी जताते हुए विगत 27 मार्च को नोटिस भेज दो सप्ताह के भीतर जवाब मांगा था। प्रशासन द्वारा जवाब न मिलने पर प्रेस परिषद के सचिव नंगसंगलेम्बा आओ ने शुक्रवार को दोबारा प्रदेश के मुख्य सचिव, गृह सचिव सहित पुलिस महानिरीक्षक, जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को दो सप्ताह के भीतर जवाब के लिए नोटिस स्वतः जारी किया गया।
नोटिस में लिखा गया कि प्रारंभिक रूप में शिकायत पर विचारोपरांत प्रेस परिषद के अध्यक्ष ने विचार व्यक्त किये है कि प्रकरण प्रेस की स्वतंत्रता पर अतिक्रमण/कुठाराघात का प्रतीत होता है। अतः मुझे निर्देश हुआ है कि आपको इसके उत्तर में अपना वक्तव्य देने के लिए लिखूं कि प्रेस परिषद अधिनियम 1978 की धारा 13(1) के साथ पठित अधिनियम की धारा 15 (4) के अंतर्गत इस मामले में परिषद द्वारा कार्यवाही क्यों नहीं की जाय। इस पत्र की पावती के दो सप्ताह के भीतर अपना लिखित वक्तव्य (तीन पत्तियों सहित) प्रस्तुत करें तथा शिकायतकर्ता को इसकी प्रतिलिपि प्रेषित करें।तत्पश्चात इस शिकायत को प्रेस परिषद की जांच समिति के समक्ष उचित आदेश हेतु प्रस्तुत कर दिया जाएगा। प्रेस परिषद के दोबारा नोटिस जारी होते ही प्रशासन में हड़कंप मच हुआ है।

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