- पूविवि में मनाया गया विश्व हिन्दी दिवस
सिद्दीकपुर, जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति सभागार में मंगलवार को विश्व हिंदी दिवस मनाया गया। इस मौके पर कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि भाषा का अपना एक संसार है। किसी भी विषय का विस्तार बिना भाषा के असंभव है। हमारी भाषा समृद्ध है इसे बोलने में कोई हिचक नहीं होनी चाहिए।
विश्व में हिन्दी का विकास करने और एक अंतरराष्ट्रीय भाषा के तौर पर इसे प्रचारित-प्रसारित करने के उद्देश्य से विश्व हिन्दी सम्मेलनों की शुरुआत की गई। प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित हुआ था, इसीलिए इस दिन को विश्व हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस अवसर पर तकनीक के साथ हिंदी पर अपनी गहरी समझ रखने वाले प्रो. रवि प्रकाश ने हिंदी के काल को विस्तार से समझाते हुये कहा कि आजादी की लड़ाई में भी कवियों का विशेष योगदान था। उन्होंने अनुनासिक, अनुस्वार, अलंकार समेत हिंदी व्याकरण को विस्तार से समझाया। कुलसचिव महेंद्र कुमार ने गद्य, पद्य, दोहा, सोरठा, चौपाई की विशेषताओं पर विस्तार से बताया। परीक्षा नियंत्रक व्यास नारायण सिंह ने हिंदी की सर्वग्राहिता पर गीत के माध्यम से प्रकाश डाला। समारोह का संचालन प्रो. मानस पांडेय ने किया।
इस अवसर पर वित्त अधिकारी संजय राय, सहायक कुलसचिव अमृत लाल, अजीत सिंह, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. रजनीश भास्कर, प्रो. नूपुर गोयल, प्रो. मिथिलेश सिंह, डॉ राजकुमार, डा. संतोष कुमार, डॉ मनोज मिश्र, डॉ प्रमोद यादव, डॉ. रसिकेश, डा. गिरधर मिश्र, डॉ. सुनील कुमार, डॉ अमरेंद्र सिंह, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. श्याम कन्हैया, डॉ. मनोज पांडेय, नीतेश जायसवाल, डॉ सुशील सिंह, सुशील प्रजापति, करुणा निराला आदि लोग उपस्थित थे।