Monday, April 29, 2024
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त्वरित न्याय के उद्देश्य की पूर्ति करती है लोक अदालत: ट्रिब्यूनल जज

  • विशेष लोक अदालत में एक्सीडेंट क्लेम के 28 मामलों का हुआ निस्तारण

जौनपुर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देश पर मोटर एक्सीडेंट क्लेम के मुकदमों के निस्तारण के लिए शनिवार को ट्रिब्यूनल जज भूदेव गौतम की अध्यक्षता में विशेष लोक अदालत का आयोजन हुआ। मोटर एक्सीडेंट के 28 मामलों का निस्तारण हुआ।पीड़ित परिवारों को 1.54 करोड़ रुपए क्षतिपूर्ति मिलेगी। 19 प्रकीर्ण मामलों का निस्तारण किया गया जिसमें रिफंड बाउचर के माध्यम से 1.26 करोड़ रुपए याचीगण के पक्ष में अवमुक्त हुए।
पीठासीन अधिकारी भूदेव गौतम ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन कर लोक अदालत का शुभारंभ किया। इसके बाद कहा कि वादकारी के हित लाभ व त्वरित न्याय के उद्देश्य की पूर्ति के लिए विशेष लोक अदालत का आयोजन किया गया है। परिवार के मुखिया की मृत्यु पर त्वरित आर्थिक सहायता मिलने पर बच्चों की पढ़ाई लिखाई,बेटियों की शादी व अन्य उद्देश्यों की पूर्ति हो जाती है।इसके लिए लोक अदालत एक प्रभावी माध्यम है। इस अवसर पर अधिवक्ता हिमांशु श्रीवास्तव, राना प्रताप सिंह, वीरेंद्र सिन्हा, आरवी सिंह, बिहारी लाल पटेल, बृजेश निषाद, नीलेश निषाद, सूर्यमणि पांडेय, अवधेश यादव, अरविंद अग्रहरि, जेसी पांडेय, सनी यादव, सूर्यभान सहित तमाम अधिकारी, कर्मचारी, अधिवक्ता, वादकारी आदि उपस्थित थे।

बच्चे की मृत्यु पर एक माह में ही मिली क्षतिपूर्ति
बदलापुर थाना क्षेत्र के पुरानी बाजार में 24 मई 2023 को तेज गति से आ रही कार टक्कर से याची इश्तियाक के 8 वर्षीय पुत्र असद की मृत्यु हो गई थी। 8 जून 2023 को अधिवक्ता हिमांशु श्रीवास्तव व नीलेश निषाद के माध्यम से उसने क्षतिपूर्ति का दावा किया। याची के अधिवक्ताओं व पीठासीन अधिकारी भूदेव गौतम के प्रयास से कार की बीमा कंपनी के अधिवक्ता प्रवीण मोहन श्रीवास्तव से वार्ता के बाद कम्पनी मृतक के माता-पिता को पांच लाख रुपए क्षतिपूर्ति देने पर राजी हुई। विशेष लोक अदालत में दोनों पक्षों की सहमति से मुकदमा दाखिल होने के एक माह में ही मामले का निस्तारण हो गया। बीमा कंपनी याची को क्षतिपूर्ति अदा करेगी। एक माह में ही मुकदमे का निस्तारण चर्चा का विषय बना रहा।

10 वर्ष बाद वाहन स्वामी ने अदा की 7 लाख क्षतिपूर्ति
सिंगरामऊ थाना क्षेत्र के पहितियापुर गांव में 16 जुलाई 2013 को सुबह प्राइवेट बस की लापरवाही से मोटरसाइकिल सवार अरविंद सिंह की मृत्यु हो गई थी। बस का बीमा नहीं था। मृतक की पत्नी मांडवी सिंह व बच्चों ने बस के मालिक राजवीर सिंह, चालक योगेंद्र पाल के खिलाफ अधिवक्ता राणा प्रताप सिंह व अरविंद अग्रहरि के माध्यम से याचिका दाखिल किया। कोर्ट ने 31 अगस्त 2015 को आदेश दिया कि वाहन स्वामी याची गण को 5,96,000 क्षतिपूर्ति 7 प्रतिशत ब्याज की दर से अदा करें लेकिन धनराशि अदा नहीं की गई। याची के प्रार्थना पत्र पर आरसी जारी हुई। पीठासीन अधिकारी भूदेव गौतम के लगातार प्रशासनिक अधिकारियों से पत्राचार के बाद अंततः वाहन स्वामी ने याची गण को सात लाख रुपए क्षतिपूर्ति अदा की। विशेष लोक अदालत में मामले का निस्तारण हो गया।

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