योग को जीवनशैली का हिस्सा बनायें: प्रो. निर्मला
अमृत योग सप्ताह का मुक्तांगन परिसर में हुआ शुभारम्भ
अजय विश्वकर्मा/विरेन्द्र यादव
सिद्दीकपुर, जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के मुक्तांगन परिसर में विश्वविद्यालय की ओर से गुरुवार को योग सप्ताह का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. आनंद त्यागी ने किया। उद्घाटन दिवस पर असाध्य रोगों के रोकथाम में योग की भूमिका विषय पर चर्चा की गई। यह समारोह 21 जून तक चलेगा।
इस मौके पर मुख्य अतिथि प्रो. त्यागी ने कहा कि हमने प्रकृति का बहुत दोहन किया है जिससे प्रकृति काफी उग्र अवस्था में है। प्रकृति के साथ समन्वय मानवता के स्थायित्व की कुंजी है। हमें अपने शरीर का प्रबंधन सीखना होगा। यह प्रबंधन योग द्वारा ही संभव है। उन्होंने कहा कि कालांतर में आने वाली त्रुटियों को दूर कर शारीरिक और मानसिक रुप से स्वस्थ होना होगा, अगर शरीर स्वस्थ नहीं होगा तो हमारे कार्य प्रभावित होंगे। जीवनशैली में गुणवत्ता कम होने कारण मानसिक स्वास्थ्य का ठीक न होना है।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि तन और मन का संतुलन ही योग है। योग व्यक्ति में आत्मविश्वास पैदा करता है। अमृत योग सप्ताह उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर मनाया जा रहा है। भागमभाग की दुनिया में स्वास्थ्य विश्व की सबसे बड़ी चुनौती है, इसलिए योग को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनायें। विशिष्ट अतिथि स्वायत्तशासी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. शिवकुमार ने कहा कि योग से रोग को कम किया जा सकता है। तनावमुक्त जीवन के लिए योग जरूरी है।
इस अवसर पर आर्ट आफ लिविंग बेंगलूरू के योग प्रशिक्षक जयसिंह गहलोत ने प्राणायाम से योग की शुरुआत की। उन्होंने गायत्री मंत्र का उच्चारण कर लोगों को इसके महत्व के बारे में समझाया। इसके पहले सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्जवलित करके समारोह का शुभारंभ किया गया। यह कार्यक्रम सुबह पौने छह बजे से शुरू हुआ। कार्यक्रम संयोजक प्रो. अजय द्विवेदी ने सभी का स्वागत किया। वहीं कार्यक्रम का संचालन डॉ. राजेश सिंह ने किया। इसके पहले मुक्तांगन में मुख्य, विशिष्ट अतिथियों सहित कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने पौधरोपण किया।
इस अवसर पर देवसुता त्यागी, वित्त अधिकारी संजय राय, कुलसचिव महेंद्र कुमार, प्रो. बीडी शर्मा, डॉ मनोज मिश्र, डॉ मनीष गुप्ता, एनएसएस समन्वयक डॉ राज बहादुर यादव, सहायक कुलसचिव बबिता सिंह, डा. सुनील कुमार, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. श्याम कन्हैया, डा. लक्ष्मी प्रसाद मौर्य, डा. मनोज पांडेय, डॉ पुनीत सिंह, डॉ. विनय वर्मा, डा. अवध बिहारी सिंह, डा. चंदन सिंह, दिवाकर शर्मा, डा. मनमोहन भट्ट, डॉ राजेंद्र सिंह, अरुण शर्मा, धीरज श्रीवास्तव, अशोक सिंह, रजनीश सिंह, आदर्श अरूण आदि उपस्थित रहे।