Sunday, April 28, 2024
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कई संगठनों ने संयुक्त रूप से मनायी श्री चित्रगुप्त जी की जयंती

अजय पाण्डेय
जौनपुर। चित्रगुप्त पूजन पर संगत पंगत जौनपुर, कायस्थ महासभा 2150 व श्री चित्रगुप्त पूजन समिति जौहरी बारीनाथ मठ व कायस्थ समाज जौनपुर द्वारा संयुक्त रूप से श्री चित्रगुप्त प्राचीन मंदिर बारीनाथ मठ उर्दू बाजार में श्री भगवान चित्रगुप्त जी का पूजन आरती सादगी के साथ संपन्न हुआ।

कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव एडवोकेट ने कहा कि भगवान चित्रगुप्त की पूजा विधि एव कथा पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कायस्थ जाति को उत्पन्न करने वाले भगवान चित्रगुप्त का जन्म यम द्वितीया के दिन हुआ। राष्ट्रीय सचिव राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि कायस्थ महासभा 2150 जिले में एक ऐतिहासिक सम्मेलन करेगा। वरिष्ठ नेता राकेश श्रीवास्तव साधु ने कहा कि कायस्थ महासभा इसी दिन कायस्थ जाति और कलमजीवी लोग अपने घरों में भगवान चित्रगुप्त की पूजा करते हैं। कार्यक्रम संयोजक राकेश श्रीवास्तव वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष कायस्थ महासभा ने कहा कि उन्हें मानने वाले इस दिन कलम और दवात का इस्तेमाल नहीं करते।

कायस्थ महासभा के जिलाध्यक्ष मनोज श्रीवास्तव एडवोकेट ने कहा भगवान चित्रगुप्त जी के पूजन से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। संगत पंगत जौनपुर के प्रभारी व पूर्व महासचिव अजय वर्मा जीवात्मा के कर्मों का लेखा जोखा रखने वाले भगवान हैं चित्रगुप्त। भगवान चित्रगुप्त जन्म से लेकर मृत्युपर्यन्त जीवों के सभी कर्मों को अपनी पुस्तक में लिखते रहते हैं। प्रदेश प्रवक्ता युवा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विश्व प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि जब जीवात्मा मृत्यु के पश्चात यमलोक में पहुचता है तो उनके कर्मों के अनुसार स्वर्ग और नर्क में भेज देते हैं।

संगत पंगत के वरिष्ठ नेता राजेश श्रीवास्तव बच्चा भइया ने कहा कि भगवान चित्रगुप्त जी के हाथों में कर्म की किताब, कलम, दवात और जल है। कायस्थ समाज के वरिष्ठ नेता व भाजपा नेता सुरेश अस्थाना ने कहा कि कुशल लेखक हैं और इनकी लेखनी से जीवों को उनके कर्मों के अनुसार न्याय मिलती है। वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप श्रीवास्तव उर्फ रवि एडवोकेट ने कहा कि कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि को भगवान चित्रगुप्त की पूजा का विधान है। प्रदेश संगठन मंत्री कायस्थ महासभा उमेश श्रीवास्तव ने कहा कि शास्त्रों के अनुसार जब ब्रह्मा जी सृष्टि की रचना कर रहे थे।

राष्ट्रीय कार्यालय प्रभारी अनुपम श्रीवास्तव ने कहा कि उन्होंने जीवन को सुचारू रूप से चलाने के लिए और जीवन-मृत्यु के चक्र को चलाने के लिए यमराज की उत्पत्ति भी की थी। संगत पंगत के वरिष्ठ नेता संतोष श्रीवास्तव ने कहा कि जब यमराज को यह पता चला कि उनका जन्म सृष्टि के लोगों के उद्धार के लिए हुआ है तो उन्होंने इसके लिए ब्रह्मा जी से एक सहायता मांगी। सहायता हेतु ब्रह्मा जी ने कठोर तप किया और उस तप से भगवान चित्रगुप्त की उत्पत्ति हुई। वरिष्ठ नेता संगत पंगत संदीप श्रीवास्तव ने कहा कि तब से भगवान चित्रगुप्त यमराज के दूत बनकर सभी मनुष्य के जीवन-मृत्यु के समय और जीवन में किए गए पाप-पुण्य का लेखा-जोखा रखते हैं।

पूजन में हरिशंकर श्रीवास्तव, राजू वकील, राकेश श्रीवास्तव, संजय श्रीवास्तव, संजीव श्रीवास्तव, सुरेश अस्थाना, उमेश चंद्र श्रीवास्तव, अनिल श्रीवास्तव, आलोक श्रीवास्तव, अखिलेश श्रीवास्तव, संतोष श्रीवास्तव, विजय श्रीवास्तव, अमर श्रीवास्तव, अनुराग श्रीवास्तव, शिवशंकर श्रीवास्तव, नवीन श्रीवास्तव, अरुण वर्मा, अनुपम श्रीवास्तव, पंकज श्रीवास्तव, विश्व प्रकाश श्रीवास्तव दीपक, अजय वर्मा, गौरव श्रीवास्तव, राकेश श्रीवास्तव (साधू), राहुल सिन्हा, गिरिजेश श्रीवास्तव, संदीप श्रीवास्तव, वैभव जौहरी, आदित्य मान जौहरी, वर्षिता जौहरी, अंशुमान जौहरी, प्रतीक्षा जौहरी, पंकज जौहरी, मोहित जौहरी, प्रखर जौहरी, प्रतीक जौहरी, राजीव जौहरी, आंचल जौहरी, राकेश श्रीवास्तव (उर्दू बाजार), संतोष निगम, राजेश श्रीवास्तव, डॉ विवेक श्रीवास्तव, डॉ नीलेश श्रीवास्तव, डॉ सलिल श्रीवास्तव, प्रदीप श्रीवास्तव, दयाशंकर निगम आदि मौजूद रहे।

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