- तांत्रिक व महिला की तकरार में नवजात ढूढ़ती जिन्दगी की आस
चन्दवक, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के एक गांव में एक पीड़िता ने गांव के कुछ ही दूरी पर रहने वाले तांत्रिक पर अपनी दो माह की पैदा हुई पुत्री का पिता होने का गंभीर आरोप लगाते हुए विगत मंगलवार की शाम तांत्रिक के घर के सामने बने शिवमंदिर के सीढ़ीयों पर बच्ची को रखकर अपने घर चली गई।
देखते ही देखते घटना आग की तरह क्षेत्र में फैल गई। पीड़िता थाने में पहुंच तांत्रिक पर अपने बच्ची के पिता होने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी। पीड़िता ने बताया कि तांत्रिक पिछले दो से 3 सालों से तंत्र विद्या के माध्यम से मुझे अपने वस में कर शारीरिक शोषण करता रहा। तांत्रिक के दबाव में ही मैने अपने पति पर केस भी किये थे। अब जब दो माह पूर्व मैने पुत्री को जन्म दिया तो उसे अपनाने से तांत्रिक इनकार कर रहा। मेरा पति मुझे रखने से इनकार कर रहा है तो मैं खुद जाकर तांत्रिक के घर के सामने वाले मंदिर के सीढ़ीयों पर बच्ची रखकर घर वापस लौट आई।
वहीं तांत्रिक ने पूरे मामले से पल्ला झाड़ते हुए बताया कि मुझे बदनाम करने की साजिश रची गई है उस महिला से मेरा कुछ लेना—देना नहीं है। तांत्रिक होने के नाते कभी कभी उसे झाड़ फूंक कर देते थे जो आरोप वह महिला लगा रही है, वह बेबुनियाद है और महिला जबरन मेरे घर के सामने मंदिर पर बच्ची रखकर चली गईं।
इस मामले को लेकर जब थानाध्यक्ष विजय शंकर सिंह से पूछा गया तो उन्होंने पूरे मामले से पल्ला झाड़ते हुए बताया कि मामला संज्ञान में नहीं है। साथ ही कहा कि आप ही बुलाकर तांत्रिक व महिला से पूछ लीजिए क्या मामला है। अखबार में छपे थानाध्यक्ष के बयान को लेकर जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि महिला के पति से मेरी बात नहीं हुई है। उसका पति कहां है, मुझे नहीं पता।
तांत्रिक व महिला को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। वहीं जिम्मेदार अधिकारी को इसकी भनक भी नहीं है। यह एक सोचनीय विषय है। मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार की दोपहर पंचायत द्वारा महिला को उसकी बच्ची सौप दी गई। मगर सवाल अभी यही खड़ा होता है कि दो लोगों के तकरार में दो माह के नवजात शिशु का क्या कसूर था जिसको उसकी ही मां ने भीषण ठंड में मंदिर के सीढ़ियों पर लगभग एक घंटा तड़पता छोड़ गई जिससे मां की ममता ही नहीं, बल्कि मानवता पूरी तरह शर्मसार हो गई। बच्ची सीढ़ियों पर चीखती चिल्लाती रही मगर तांत्रिक के दबंग बेटे के आगे किसी की नही चल सकी।