Monday, April 29, 2024
No menu items!

गड्ढामुक्त नहीं, बल्कि गड्ढायुक्त सड़कों पर हिचकोले खा रहे राहगीर

  • सदर विधानसभा के गुरैनी से सोंगर मार्ग की स्थिति बदस्तर
  • दो जनपदों को जोड़ने वाली 10 किमी सड़क गड्ढे में तब्दील

राकेश शर्मा
खेतासराय, जौनपुर। मनुष्य को मूलभूत सुविधाओं में से एक है। सुगम मार्ग-सड़क का होना लेकिन यदि सुविधा का अभाव हो या इसके नाम पर खानापूर्ति किया गया हो तो यह सुगम के बजाय दुर्गम बन जाता है। इसी को देखते हुए प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने एक सख्त लहजे में फरमान जारी किया कि दीपावली से पहले सभी सड़को को गड्ढा मुक्त करने का निर्देश दिया, ताकि सड़क हादसों पर रोक लग सके। इस आदेश को जारी होते ही पीडब्ल्यूडी ने आनन-फानन में जिले की 1577 सड़कें जिसकी लम्बाई 1275 किलो मीटर का चयन कर गड्ढा मुक्त का प्रस्ताव शासन को भेज दिया।

इसमें सदर विधानसभा क्षेत्र की वर्षों से खस्ताहाल हुए सड़क गुरैनी से सोंगर मार्ग को छोड़ दिया गया। पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा भेजे गए प्रस्ताव के अनुसार गड्ढा मुक्त करने के लिए 6 करोड़ 39 लाख 10 हज़ार रुपये का बजट पास भी हुआ लेकिन ऊक्त मार्ग की अनदेखी की गई गड्ढा मुक्त होने के बजाय सड़के गड्ढा युक्त होती हो गयी सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे दुर्घटना को आमंत्रित कर रहे है। स्कूली बस सहित आवागमन इस मार्ग पर बाधित है।

लोगों को हिचकोले खाते जान जोखिम में डालकर इस मार्ग से आनाजाना पड़ रहा है। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं सदर विधानसभा क्षेत्र के गुरैनी से सोंगर जाने वाली लगभग 10 किमी सड़क की जो अपनी दुर्दशा पर आँसू बहा रहा है। पूर्ण रूप से गड्ढे में तब्दील हो चुकी इस सड़क से पीडब्ल्यूडी भी अनभिज्ञ है? जो थोड़ी सी भी बरसात होने पर सड़क पर जलजमाव हो जाना आम बात है। उस पर यात्रा करना कितना मुश्किल है, यह उस पर चलने वाले राहगीर से अच्छा कौन बता सकता है। स्कूली बस व बड़ी वाहन भी जान जोखिम में डालकर यात्रा करते है।

जनपद के सबसे अधिक 25 हज़ार आबादी वाले गांव मानीकलां, मवई, बरंगी, ग्यासपुर, नोनारी, अमरेथुआ, सोंगर आदि बड़ी आबादी वाले गांव इसी मार्ग पर है तथा यह मार्ग जनपद आज़मगढ़ को भी जोड़ता है। भारी संख्या में वाहनों का आवागमन होता है लेकिन उक्त मार्ग अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। आर्थिक रूप से देखा जाए तो उक्त सभी सम्पन्न गांव है। मानीकलां गांव तो एक नगर पंचायत के बराबर है लेकिन सुविधाओं के अभाव में यह क्षेत्र का पिछड़ा हुआ है तथा मूलभूत सुविधाओं से वंचित है।

शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पानी व बिजली के आभाव में अपने वजूद के लिए तरस रहा है। विकसित होने के लिए सड़क ही पहली सुविधा है। सड़क ठीक है तो सुविधाएं भी बढ़ती है। उक्त गांव में बैंक है, पुलिस चौकी है, एक्सचेंज भी है लेकिन बिजली और सड़क का विकट संकट है। उक्त मार्ग पर बारिश होने के बाद स्कूली बस का आवागमन बहुत ही बड़ी समस्या बनी हुई है। सैकड़ों नौनिहाल जान जोखिम में डालकर स्कूल आते-जाते हैं। यदि कोई मेडिकल इमरजेंसी है तो अस्पताल पहुंचने से पहले ही मरीज दम तोड़ दे। हिचकोले भरे रास्तों से समय पर अस्पताल पहुंचना संभव नहीं। लाखों की आबादी वाले इस क्षेत्र की मूलभूत सुविधा भगवान भरोसे है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

Most Popular