चन्दन अग्रहरि
शाहगंज, जौनपुर। फरीदुल हक मेमोरियल पीजी कॉलेज तालीमाबाद सबरहद में महान शिक्षाविद, समाज सुधारक, इतिहासकार, लेखक, हिन्दू-मुस्लिम एकता के सबसे बड़े पैरोकार, धर्मनिरपेक्षता के पक्षधर सर सैयद अहमद खान के जन्मदिन के अवसर पर “वर्तमान परिदृश्य में सर सैयद अहमद खान के विचारों की प्रासंगिकता” विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में महाविद्यालय के छात्र/छात्राओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया तथा अपने विचारों को हिन्दी, उर्दू तथा अंग्रेज़ी विषय के पक्ष विपक्ष में तर्कपूर्ण तरीके से रखा। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक डाॅ. निजामुद्दीन, सूर्य प्रकाश यादव आदि ने सर सैयद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए छात्र/छात्राओं से कहा कि उनके बताए हुए मार्ग पर चलकर हम जीवन में सफलता को प्राप्त कर सकते हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य डॉ. तबरेज़ आलम ने कहा कि सर सैयद अहमद खान के विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने उनके समय में थे। सर सैयद वैज्ञानिक शिक्षा के पक्षधर थे। उनका स्पष्ट मत था कि बिना वैज्ञानिक शिक्षा के कोई भी समाज/राष्ट्र प्रगति नहीं कर सकता। आज भी जब हम अपनी शिक्षा व्यवस्था को देखते हैं तो वह विश्वस्तरीय नहीं दिखती। आज भी उस क्षेत्र में बहुत कार्य किये जाने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में आयोजित संभाषण प्रतियोगिता में हिन्दी भाषा में कु. शाहीन बानो को प्रथम, आसिया अंसारी को द्वितीय तथा फातमा को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। उर्दू भाषा में अब्दुर्रहमान को प्रथम, अबु हुज़ैफा को द्वितीय तथा फातमा बानो को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। अंग्रेज़ी भाषा में बृंदा सेठ को प्रथम तथा उजाला राव को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ। कार्यक्रम में डाॅ. राकेश सिंह, डाॅ. अनामिका पांडेय, डाॅ. अमित कुमार गुप्ता, डाॅ. शिव प्रसाद यादव, ओम प्रकाश चौरसिया, डाॅ. मनोज कुमार सिंह, सुश्री कहकशां खान, गीता यादव, डाॅ. रविन्द्र कुमार यादव, डाॅ. विनय कुमार यादव, पीयूष श्रीवास्तव, डाॅ. पूजा रानी, श्रीमती सुनीता यादव, डाॅ. संजय कुमार यादव, उस्मान अहमद, डाॅ. सुनीता यादव आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन उर्दू के वरिष्ठ प्राध्यापक रियाज़ अहमद ने किया।