चन्दन अग्रहरि
शाहगंज, जौनपुर। नगर के गांधी नगर कलेक्टरगंज में बुधवार की रात रामलीला मंचन में सुपर्णखा रावण संवाद, खरदूषण वध और सीता हरण की लीला का मंचन किया गया। भारी संख्या में पहुंचे रामभक्त महिला पुरुषों ने लीला मंचन का आनंद लिया। अपनी अट्टहास को विराम देते हुए गम्भीर मुद्रा में रावण ने कहा कि मोक्ष की प्राप्ति के लिए मुझे नारायण से बैर करना पड़े, तभी मुझ तामसी और राक्षस कुल को सद्गति मिलेगी। लंका पति रावण खरदूषण वध की जानकारी सुपर्णखा से मिलने के बाद इस विचार में लीन हो गया। सुपर्णखा के अपमान और भाई खर दूषण के वध की घटना की जानकारी के बाद रावण ने कहा कि मेरे जैसे बलशाली भाई खर दूषण को देवता भी पराजित नहीं कर सकते थे।
राम और लक्ष्मण के हाथों भाई का वध हुआ तो वह स्वयं नारायण ही होंगे। रावण कुल की सद्गति का विचार करते हुए रावण सीता हरण के लिये माया मारीच को लेकर पंचवटी पहुंचे जहां मारीच स्वर्ण मृग का रुप धारण कर विचरण करने लगा। मां सीता के स्वर्ण मृग लाने के आग्रह पर श्रीराम का वध के लिये जाना और इधर साधू वेश धारण कर लंकेश सीता हरण कर लंका की ओर चल पड़ा। रास्ते में जटायु से रावण का भीषण युद्ध हुआ। रावण ने जटायु को मरणासन्न कर माँ जानकी को लेकर लंका पहुंच गया।