Monday, April 29, 2024
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क्षत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन पर संगोष्ठी आयोजित

अजय पाण्डेय
जौनपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जौनपुर सेवा भारती द्वारा नगर के टीडी कॉलेज के बलरामपुर सभागार में क्षत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन पर जाड़ता राजा (दूरदर्शी राजा) परक्षत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन पर संगोष्ठी आयोजित
अजय पाण्डेय
जौनपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जौनपुर सेवा भारती द्वारा नगर के टीडी कॉलेज के बलरामपुर सभागार में क्षत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन पर जाड़ता राजा (दूरदर्शी राजा) पर संगोष्ठी हुई। इस मौके पर कथा वाचक शांतनु महाराज ने कहा कि हमारा समाज शिवाजी के पराक्रम को भूल रहे हैं, उनके वीरता को हम भूल रहे। उनके जीवन मूल्यों पर आधारित नाटक काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सभागार में २१ से २६ अक्टूबर तक आयोजित किया जा रहा है। वहां हमें जाना चाहिए। इससे स्वदेश की भावना जागृत होगी।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अनिल ओंक जी (सह अखिल भारतीय व्यवस्था प्रमुख) ने कहा कि शिवाजी महाराज ने हिंदवी साम्राज्य की स्थापना किया था जो भारतीय व्यवस्थाओं पर आधारित था। उनके पौरुष को याद कर हमें अनुकरण करना पड़ेगा तभी देश को सामर्थ्यवान, विकसित भारत बनाया जा सकेगा। तभी देश अखंड रहेगा। शिवाजी के जीवन पर कविता के माध्यम से प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि इस संगोष्ठी का आयोजन इसलिए किया गया कि हम इनके जीवन पर बने नाट्य को काशी हिंदू विश्वविद्यालय में देखने जाए और उनके द्वारा देश हित में किए कार्यों को जन जन तक पहुंचायें। इससे देश प्रेम जागृत होगा। आज देश व समाज हित में शिवाजी को आदर्श मानकर हमें कार्य करना होगा। यही आज समय की मांग है। कवि ने कहा है “जो भरा नहीं है भावों से बहती जिसमें रस रसधार नहीं वह मनुज नहीं है पत्थर है जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं” अब हमें इसे चरितार्थ करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में प्रांत प्रचारक रमेश जी, प्रांत कार्यवाह मुरली पाल जी, प्रांत प्रचारक प्रमुख रामचंद्र जी, विभाग प्रचारक अजीत जी, वीरेंद्र मौर्य, डा. शैलेंद्र उपाध्याय, डा. ज्ञान प्रकाश सिंह, अजय पाठक, रविन्द्र सिंह सहित तमाम स्वयंसेवक उपस्थित रहे। संगोष्ठी हुई। इस मौके पर कथा वाचक शांतनु महाराज ने कहा कि हमारा समाज शिवाजी के पराक्रम को भूल रहे हैं, उनके वीरता को हम भूल रहे। उनके जीवन मूल्यों पर आधारित नाटक काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सभागार में २१ से २६ अक्टूबर तक आयोजित किया जा रहा है। वहां हमें जाना चाहिए। इससे स्वदेश की भावना जागृत होगी।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अनिल ओंक जी (सह अखिल भारतीय व्यवस्था प्रमुख) ने कहा कि शिवाजी महाराज ने हिंदवी साम्राज्य की स्थापना किया था जो भारतीय व्यवस्थाओं पर आधारित था। उनके पौरुष को याद कर हमें अनुकरण करना पड़ेगा तभी देश को सामर्थ्यवान, विकसित भारत बनाया जा सकेगा। तभी देश अखंड रहेगा। शिवाजी के जीवन पर कविता के माध्यम से प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि इस संगोष्ठी का आयोजन इसलिए किया गया कि हम इनके जीवन पर बने नाट्य को काशी हिंदू विश्वविद्यालय में देखने जाए और उनके द्वारा देश हित में किए कार्यों को जन जन तक पहुंचायें। इससे देश प्रेम जागृत होगा। आज देश व समाज हित में शिवाजी को आदर्श मानकर हमें कार्य करना होगा। यही आज समय की मांग है। कवि ने कहा है “जो भरा नहीं है भावों से बहती जिसमें रस रसधार नहीं वह मनुज नहीं है पत्थर है जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं” अब हमें इसे चरितार्थ करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में प्रांत प्रचारक रमेश जी, प्रांत कार्यवाह मुरली पाल जी, प्रांत प्रचारक प्रमुख रामचंद्र जी, विभाग प्रचारक अजीत जी, वीरेंद्र मौर्य, डा. शैलेंद्र उपाध्याय, डा. ज्ञान प्रकाश सिंह, अजय पाठक, रविन्द्र सिंह सहित तमाम स्वयंसेवक उपस्थित रहे।

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