समाजसेविका डा. उषा ने तीन बेटियों को बनाया काबिल
बेटा भी कर रहा उच्च शिक्षा की तैयारी
जौनपुर। नगर के लाइन बाजार निवासी इंग्लिश मीडियम प्राथमिक विद्यालय चकताली की शिक्षिका डा. ऊषा सिंह की बेटी शिल्पा ने गुजरात विश्वविद्यालय अहमदाबाद से फिजिक्स विषय में पीएचडी की उपाधि हासिल कर अपनी क्षमता और मेधा का लोहा मनवाया है। शिल्पा की इस सफलता पर परिजनों में खुशी लहर है। वहीं बधाई देने वालों का तांता लगा है।
बेटी की सफलता पर गौरवान्वित डा. ऊषा ने बताया कि मैंने बेटा बेटी में कभी भेद नहीं किया। उनका जीवन भी काफी संघर्षपूर्ण रहा। इनके ससुर रामजन्म सिंह टीडी इण्टर कालेज में शिक्षक पद पर कार्यरत रहे। सेवानिवृत्त के बाद मूल जनपद मऊ (चिरैयाकोट) चले गये। पति डा. जितेन्द्र सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में कार्यरत रहे। सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था कि अचानक 2013 में पति की तबियत बिगड़ी और असामयिक मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। ऐसे में तीन बेटी व एक बेटे को सम्भालना, शिक्षित करना, सामाजिक व पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन आसान नहीं था लेकिन ऊषा जी ने हिम्मत नहीं हारी, बल्कि मजबूती से डटकर परिस्थितियों का मुकाबला कर मिशाल पेश की
सबसे बड़ी बेटी शुभ्रा कानपुर से इलेक्ट्रॉनिक में इंजीनियरिंग कर बैंक मैनेजर पद पर कार्यरत है। दूसरी बेटी शिप्रा भी कानपुर से इलेक्ट्रॉनिक में इंजीनियरिंग कर इंग्लिश मीडियम स्कूल चकताली में बतौर सहायक अध्यापक के पद पर कार्य कर रही है। तीसरे बेटी शिल्पा ने पीएचडी की उपाधि हासिल कर मां के सपनों को साकार करते हुए उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कैरियर बनाने का निर्णय लिया है।
शिल्पा शुरू से ही पढ़ने में होशियार रही शुरुआती शिक्षा जवाहर नवोदय विद्यालय जौनपुर से हासिल कर बीएससी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) वाराणसी से किया। शिल्पा ने एमएससी पंजाब विश्वविद्यालय से करने के उपरान्त गुजरात विश्वविद्यालय अहमदाबाद से पीएचडी की उपाधि हासिल कर उच्च शिक्षा में कैरियर बनाने की मंशा साफ कर दिया है। शिल्पा ने बताया कि पीएचडी के दौरान शोध के संबंध में उसे रुस भी जाना पड़ा था, इनके भाई रनवीर भी उच्च शिक्षा ले रहे हैं।