शाहगंज, जौनपुर। श्रीराम कथा भवसागर से तारने वाली है। व्यक्ति अमर होना चाहता है लेकिन अमर होना किस काम का जिसमें आयु तो बहुत है परंतु परेशानियों से घिरा हुआ है। अमृत वही सही है जिसके जीवन में सुख—शांति हो जो भगवान के पावन कथा से ही मिलती है। उक्त विचार दुर्गविजय मिश्र ने स्थानीय नगर के शाहपंजा में स्थित श्रीराम जानकी मंदिर संगत जी में आयोजित कथा के दौरान कही। इस दौरान कथा व्यास ने साक्षात लीला का दर्शन भी कराया, इसलिए भगवान का ध्यान—मनन करना चाहिये। कथा के प्रथम दिवस भगवान की आराधना हुई। चरित मानस में कहा गया कि बड़े भाग्य मानुष तन पावा। उन्होंने कहा कि बड़े भाग्य से यह शरीर हमें मिला है जो किसी भी स्थिति में व्यर्थ नहीं करना चाहिये। इस अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी अनिल मोदनवाल, भुवनेश्वर मोदनवाल, संदीप कुमार, अशोक कुमार, सुशील सेठ बागी, दीपक मिश्र, सतीश मोदनवाल, आनन्द सेठ, श्रीप्रकाश पाण्डेय, शिवेन्द्र गुप्ता, सत्येन्र्द गुप्ता, चन्दन मोदनवाल, गिरधर अग्रहरि, विजय अग्रहरि, अजयअग्रहरि सहित काफी संख्या में भक्तगण मौजूद रहे।