तरुण चौबे
सुजानगंज, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के बखोपुर ग्रामसभा के दिनेश मिश्र प्रबंधक राज नारायण इंटरमीडिएट कालेज के यहां आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में कथा ब्यास पूज्य राजेश्वर प्रसाद मिश्र ने कथा के तीसरे दिन भागवत के चौथे स्कन्द कि कथा सुनाते हुए देवहूति तथा कर्दम ऋषि के पुत्र कपिल मुनि द्वारा दिए गए सांख्य दर्शन तथा भक्ति योग के उपदेश के बारे में भक्तों को बताया कि जब देवहूति द्वारा भक्ति का सर्वोत्तम मार्ग पूछे जाने पर किस तरीके से भगवान कपिल मुनि ने बताया कि भक्ति का मार्ग तभी प्रशस्त होता है।
उन्होंने कहा कि जब जीव स्वदेह (पंच तत्वों से बना सांसारिक शरीर) तथा स्वहित का मोह त्याग करता है, क्योंकि स्वहित तथा स्वदेह (पंच तत्वों से बना सांसारिक शरीर) के मोह के त्याग से ही जीव में सतोंगुण का उद्वेग होता है और जब जीव में सतोंगुण उद्वेग होता है तब जीव मोह माया से विरक्त होकर भक्ति मार्ग पर चलता है तथा भगवान की भक्ति में निरंतर लीन रहता है और जब जीव सात्विक रुप से भक्ति को करता है तो वह स्वयं साक्षात भगवान की प्राप्ति करता है। उन्होंने स्रोताओं से भी अनुरोध किया कि लोगों को अपनी भारतीय सनातन संस्कृति का संरक्षण करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आस्था और कथाओं में लोगो को गंभीरता से जुड़ना चाहिए तथा काम, क्रोध, मद, मोह को त्याग करके ईश्वर भक्ति करनी चाहिए। इस पंचभूत सांसारिक शरीर के भौतिक सुख की बिना प्राप्ति के इश्वर भक्ति करनी चाहिए। श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए जिसका प्रत्येक आख्यान भक्ति के भाव प्रकट करती है। उन्होंने कपिल मुनि द्वारा दिए गए पतंजलि योग तथा अष्टांग योग उपदेश के बारे में भक्तों को बताया।
इस अवसर पर रमापति मिश्र निजी सचिव चित्रकूट विकलांग विश्वविद्यालय, डा. विनय तिवारी प्राचार्य गौरीशंकर संस्कृत महाविद्यालय, कमलाशंकर मिश्र, भोलानाथ मिश्र, सुषमा पटेल सहित सैकड़ों भक्त उपस्थित रहे।