Monday, April 29, 2024
No menu items!

जल्द ही गोमती नदी की बीच धारा में पुल बनाकर भू-माफ़िया बनायेंगे होटल!

नहीं पता चल रहा जौनपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) का भवन बनाने का प्रारुप

जौनपुर। जनपद के कुछ लेखपाल बड़े करिश्माई रहे। 60 के दशक से ही उन्होंने भू- माफ़िया बनाना शुरू कर दिया। कुछ लोगों के नाम कलेक्ट्रेट के भीतर और कचहरी की सड़क करके भी मालिक बना दिया। ये वे किरदार हैं जो एक फ़िल्म में कादर खान ने निभाई थी। वह तिहाड़ जेल में रहते हुए उसे बेचकर निकले थे।

जिलाधिकारी के निर्देश पर शहरी इलाकों के भू-माफ़िया की लिस्ट बनी तो उसमें पत्रकार, नेता, व्यापारी समेत विभिन्न तबके के लोग नंगे नज़र आए। यानी भू-माफिया की श्रेणी में। शायद जिलाधिकारी को यह नहीं पता था कि यहां के ऐसे लोग सत्ता बदलने से पहले ही पाला बदल लेते हैं। एक दल के शासन में एक मिनी सीएम प्रदेश के हर जिले में था तो यहां कैसे न होता। उसने नाले की पुलिया पर रैन बसेरा बनाकर उद्घाटन किया, फिर उसे ही अपना आवास बना लिया।

शहर के पार्क, खुली ज़मीनों की लूट का दौर चल पड़ा। लोग धन के साथ घर की इज्जत भी नीलाम करने लगे। अब वही खेल उस नेता का पुत्र नेता भी कर रहा है। हालांकि प्रदेश में शासन भाजपा का है और योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री हैं। वह शासन ब्यूरोक्रेट्स के जरिये कर रहे। लिहाजा पार्टी के भू-माफिया अपने तरीके से अधिकारियों से निवेदन करके काम निकाल रहे हैं। अधिकारी भी खुश, क्योंकि वर्षों से उन्हें नेताओं से इज्जत नहीं मिली थी। पैसा तो तब भी मिलता था और अब भी मिल रहा। इसमें आम जनता पिस रही।

जब इसी प्रशासन ने दो हजार से ज्यादा लोगों को नोटिस दी थी तब अधिकतर के पास नक्शे बगैर भवन मिले थे। इसमें तमाम गरीब पीसे गए पेनाल्टी के नाम पर। शासन के नियम में है कि नदी से 500 मीटर दूरी तक दोनों किनारे स्थाई भवन नहीं बनाए जा सकते हैं तो ये भवन कैसे बनते जा रहे? नगर के वाजिदपुर से जेसीज चौराहा और गोमती तट तक खुले व पार्किंग वाले क्षेत्र बाढ़ से बचने को छोड़े गए थे।

तभी तो एक नेता को लाखों देकर भू-माफिया इन ज़मीनों की नवैयत बदलवाने की कोशिश की लेकिन मुख्यमंत्री ने फाइल लौटा दी। इसमें कोशिश करने वाला नेता एक पूर्व मंत्री के नक्शे कदम पर 5 साल चला था। जमकर लूटा और करोड़ों का मालिक बन बैठा लेकिन योगी सरकार ने खेल कर दिया। अब वह छोटी दुकानों के उद्घाटन में लगा है। बताते चलें कि जनपद के एक वरिष्ठ नेता के पुत्र द्वारा गोमती नदी के किनारे से सटकर भवन बनाया जा रहा है। दावेदार निषादों को औने-पौने दाम देकर भगा दिया गया।

उक्त भवन के बारे में तमाम तरह की बातें छनकर आ रही हैं लेकिन पूरी तरह से स्पष्ट तो तब होगा जब जिला प्रशासन या शासन द्वारा नदी से सटकर बनाये जा रहे इस भवन की धरातलीय जांच की जाय। फिलहाल इस बारे में सम्बन्धित जानकारी चाही गयी लेकिन बात नहीं हो सकी।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

Most Popular