Monday, April 29, 2024
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लौकिक जगत के बन्धनों से सहज मुक्ति प्रदान करने वाली है श्रीमद्भागवत कथा: सन्त चिन्मयानन्द

डा. प्रदीप दूबे
सुइथाकला, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के अरसिया गांव में चल रहे सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के तृतीय दिवस पर कथा रसपान कराने वाले सरस वक्ता पूज्य संत चिन्मयानन्द बापू जी ने भगवान कपिल एवं ध्रुव चरित्र की कथा श्रवण कराने के साथ श्रीमद्भागवत कथा महात्म्य का रसपान कराते हुए कहा कि भागवत कथा के श्रवण, मनन एवं चिंतन से प्राणीमात्र को सुख समृद्धि के साथ सहज रुप से मुक्ति की प्राप्ति होती है। कथा श्रवण मात्र से ही जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं और जीव बिना श्रम के ही मुनि दुर्लभ हरि भक्ति को प्राप्त कर लौकिक जगत के बन्धन से मुक्त हो जाता है।
कथा महात्म्य के क्रम में पूज्य बापू ने कहा कि श्रीमद्भागवत की कथा अमृतसे भी बढ़कर महिमामयी है। अमृत का पान करके स्वर्ग की प्राप्ति करने वाले को भी अपने कर्मो के अनुरूप फल भोगना पड़ता है लेकिन भागवत रूपी अमृत का पान करने वाला संसार के आवागमन से मुक्त हो जाता है। देवताओं को कथा श्रवण का अधिकारी न समझकर उन्होंने कथामृत का दान नहीं किया। आयोजक बदलापुर विधायक रमेश चन्द्र मिश्र ने आगन्तुक अतिथियों एवं श्रोताओं के प्रति आभार प्रकट किया।
इस अवसर पर सांसद बी.पी. सरोज, पूर्व सांसद डा. के.पी. सिंह, एम.एल.सी. विद्यासागर सोनकर, विधायक शाहगंज रमेश सिंह, प्रमुख प्रतिनिधि एवं प्रबंधक डाॅ. उमेश चंद्र तिवारी, पवन पाल, राम उदित मिश्र, दुर्गा मिश्र, तारा प्रणय तिवारी सहित भारी संख्या में श्रोतागण उपस्थित रहे।

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