हिन्द महासागर पश्चिम में अफ्रीका से लेकर पूर्व में इंडोनेशिया मलेशिया ऑस्ट्रेलिया तक फैला हुआ है। विश्व के रिज़र्व तेल भण्डार का 40 प्रतिशत भाग हिंद महासागर में ही स्थित है और विश्व में कच्चे तेल के व्यापार का 90 प्रतिशत परिवहन हिंद महासागर के चेक पोस्ट से ही होकर गुजरता है। हिंद महासागर का आर्थिक महत्व के साथ-साथ राजनीतिक दृश्य भी बहुत महत्वपूर्ण है जिसके कारण विश्व के सभी शक्तिशाली राष्ट्र हिंद महासागर पर अपना नौ सैनिक अड्डा बनाने के प्रयास में प्रयत्नशील है।
हिंद महासागर पर अमेरिका ने ब्रिटेन के सहयोग से डिएगो गार्सिया दीप पर सैनिक हवाई अड्डा पहले ही बना चुका है। वहीं दूसरी तरफ हमारा पड़ोसी दुश्मन देश चीन अपनी नौसेना शक्ति जिबूती में स्थापित कर रहा है। राजनीतिक विश्लेषक अल्फ्रेड थेयर ने कहा है कि जिसका हिंद महासागर पर नियंत्रण होगा उसी का एशिया पर प्रभुत्व होगा। वर्ष 2015 में हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी ने सागरमाला परियोजना के माध्यम से बंदरगाहों का आधुनिकीकरण एवं जल शक्ति को नवीनीकरण करके हिंद महासागर पर भारत के प्रभुत्व को स्थापित करने का प्रयास किया। वर्तमान समय में भारत विश्व की सबसे तेज उभरती हुई अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर है।
अर्थव्यवस्था को गति देने में हिंद महासागर में पाए जाने वाले खनिज कच्चा तेल यूरेनियम कैडमियम महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। भारत का 78 प्रतिशत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार हिंद महासागर से ही होता है। विश्व महाशक्ति बनने की दौड़ में रूस यूक्रेन युद्ध के कारण पहले से ही बहुत आर्थिक कमजोर पड़ चुका है। अब अमेरिका चीन के बाद पूरे विश्व की निगाहें भारत की ओर टिकी हुई है। भारत की विदेश नीति में हिन्द महासागर मुख्य बिंदु में होता है।
हेमंत शुक्ला
शिवकुटी प्रयागराज।