Sunday, April 28, 2024
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तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार सहित अन्य मुद्दों पर अधिकारियों व अधिवक्ताओं में हुई वार्ता

अधिवक्ताओं ने 15 बिन्दुओं पर अधिकारियों से मांगा जबाब
एसडीएम ने कहा— तहसील दिवस आईजीआरएस व जनता दर्शन का अर्थ मैं सामूहिक नहीं समझा सकता, अकेले में मिलना, फिर बतायेंगे
विपिन मौर्य एडवोकेट
मछलीशहर, जौनपुर। स्थानीय तहसील सभागार में मंगलवार को तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार सहित 15 बिदुओं पर समाधान के लिये अधिवक्ताओं व तहसील अधिकारियों के मध्य वार्ता हुई।
अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष रघुनाथ प्रसाद ने राजस्व कर्मियों व अधिकारियों में व्याप्त भ्रष्टाचार, अवैध धन उगाही की तरफ ध्यान आकर्षित कराते हुये तत्काल समाधान की मांग किया। मुख्य मांगों में धारा 24 हदबन्दी, धारा 116, धारा 67(1), धारा 30(2), धारा 32/38, बैनामों के दाखिल खारिज, वरासत, सभी न्यायालयों की अविवादित पत्रावलियों के तत्काल निस्तारण की मांग किया।
उपजिलाधिकारी राजेश चौरसिया, तहसीलदार मूसा राम, नायब तहसीलदार सन्तोष कुमार आदि ने 15 विन्दुओं के समाधान का आश्वासन दिया। अधिवक्ता श्याम सुंदर यादव द्वारा उपजिलाधकारी से वार्ता के दौरान संपूर्ण समाधान दिवस तहसील दिवस व आईजीआरएस व जनता दर्शन का अर्थ पूछा और कहा कि किस लिए बना है। जवाबी कार्रवाई में उपजिलाधिकारी राजेश चौरसिया ने साफ शब्दों में कहा कि इसका जवाब मैं आपको सामूहिक नहीं दे सकता। कभी अकेले में मिलना, फिर बताएंगे। उक्त के संदर्भ में अधिवक्ताओं से बहस करने से अच्छा उपजिलाधिकारी ने साफ शब्दों में सीधा मना कर दिया, इसलिए कि किसी भी आईजीआरएस द्वारा की गई शिकायत का निस्तारण बिना मौका मुआयना किए ही अधिकारियों द्वारा तहसील में बैठे-बैठे ही निस्तारित कर दिया जाता है, इसलिए उपजिलाधिकारी ने इस संदर्भ में सामूहिक रूप से वार्ता करने से साफ मना कर दिया।
उपजिलाधिकारी ने 15 जुलाई तक राजस्व निरीक्षक व लेखपालों की टीम गठित कर 600 हदबंदी का लक्ष्य पूरा करने के लिये व अभियान चलाकर वरासत दर्ज कराने की बात कही और अवैध धन उगाही की शिकायत मिलने पर कार्यवाही का आश्वासन दिया। सभी अधिवक्ताओं ने अपनी समस्या बताई। सभी न्यायालयों में पेंडिंग पत्रावलियोन के निस्तारण तक न्यायिक कार्य से अधिवक्ताओं ने विरत रहने का निर्णय लिया
इस अवसर पर महामन्त्री बनवारी राम मौर्य, वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश चंद्र सिन्हा, जगदंबा प्रसाद मिश्रा, अशोक श्रीवास्तव, विपिन मौर्य, सुरेश यादव, अनुराग श्रीवास्तव, भरत लाल यादव, आरपी सिंह, प्रेम बिहारी यादव, हरि नायक तिवारी, नागेंद्र श्रीवास्तव, वीरेंद्र यादव, विनय प्रिय पांडेय, आलोक विश्वकर्मा, आशीष चौबे, पवन गुप्ता, संजय यादव, जय प्रकाश रजक, अजय यादव, श्याम सुंदर यादव, शिव प्रसाद मिश्र, रतन गुप्ता, मनमोहन तिवारी, अनुराग श्रीवास्तव, विकास यादव, सरजू प्रसाद बिंद, यज्ञ नारायण सिंह, भारत सिंह सहित तमाम अधिवक्ता उपस्थित थे।

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