मछलीशहर, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के आदर्श रामलीला समिति कुरनी समाधगंज में चल रहे रामलीला में चौथे दिन राजा दशरथ गुरु वशिष्ठ से सलाह मशविरा लेकर राम के राजतिलक की तैयारी शुरू कर देते है जिसे देखकर देवताओं में हड़कंप मच जाता है। देवताओं के अनुरोध पर माता सरस्वती मंथरा के जिह्वा पर विराजमान हो जाती है। मंथरा ने कैकेई के दो वरदानों को याद दिलाया। मंथरा की सलाह पर कैकेई कोप भवन में चली जाती है।
महाराज दशरथ के आने पर कैकेई पहले वरदान में राम की जगह भरत को राजगद्दी और राम को चौदह वर्षों का वनवास मांगती है जिसे सुनकर दशरथ की रूह कांप गई और वे तड़पकर जमीन पर गिर पड़े। कैकेई ने सारा वृतांत राम को सुनाया। राम सहर्ष वन जाने को तैयार हो जाते हैं।
राम के साथ लक्ष्मण, सीता को वन जाता देख दर्शक भाव—विभोर हो गए और उनके आंखो से आंसू टपकने लगे। प्रबंधक राजन सिंह ने बताया कि राम का अभिनय आंशिक गुप्ता, लक्ष्मण का शिवम पांडेय, सीता का अभिषेक पांडेय, दशरथ का जितेंद्र सिंह, जनक का राहुल अग्रहरि, कैकेई का अवनेंद्र सिंह, मंथरा का अभिनय 99 वर्षीय पारसनाथ सिंह ने किया। संचालन राकेश मिश्रा मंगला ने किया। इस अवसर पर आयोजन समिति के अध्यक्ष रमेश सिंह, डायरेक्टर महानंद सिंह, कोषाध्यक्ष विशाल सिंह सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।