Sunday, April 28, 2024
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भक्ति रस पर आधारित कार्यक्रम नवधा में दर्शकों ने संगीत धारा में लगायी डुबकी

जौनपुर। लोक एवं जनजाति कला एवं संस्कृति संस्थान लखनऊ व संस्कार भारती जौनपुर द्वारा आयोजित नव वर्ष के 2080 के उपलक्ष्य में आयोजित भक्ति रस पर आधारित कार्यक्रम नवधा का शुभारंभ मुख्य अतिथि गिरीश चंद्र यादव राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार, कार्यक्रम अध्यक्ष मुनीश जी सह प्रांत प्रचारक काशी प्रांत, विशिष्ट अतिथि विवेक सेठ मोनू, विमल सेठ कार्यक्रम प्रायोजक व अतुल द्विवेदी निदेशक लोक एवं जनजाति कला संस्थान ने दीप प्रज्ज्वलित करते हुये मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्चन करके किया। इसके बाद संस्था के सदस्यों द्वारा ध्येय गीत की प्रस्तुति हुई।
कार्यक्रम की प्रथम प्रस्तुति स्थानीय गायक कलाकार ग़ुलाब राही द्वारा चैती और पचरा गाकर किया गया जिसके उपरांत प्रयागराज की ख्याति अर्जित कलाकार पूर्णिमा देव कुमार व उनके साथियों द्वारा ढेड़या नृत्य, पचरा नृत्य और राम अवध में आये भजन पर समूह नृत्य प्रस्तुत किया गया। साथ ही प्रयागराज के गायक कलाकार डॉली चौरसिया और रौशन पाण्डेय द्वारा सुंदर भजन प्रस्तुत किया गया। इस प्रस्तुति के उपरांत अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त व बनारस घरने के कलाकार कथक की महारानी कही जाने वाली सितारा देवी के पौत्र, साहित्य कला अकादमी पुरस्कार विजेता विशाल कृष्णा (पौत्र कत्थक साम्राज्ञी सितारा देवी) ने अपने कत्थक नृत्य के विभिन्न आयामों के साथ शिव शक्ति, दुर्गा रूप, राम जन्म एवं होली पर कथक के भाव नृत्य की प्रस्तुति की जिसको दर्शकों ने खूब सराहा।
मुख्य अतिथि श्री यादव ने कहा कि संस्कार भारती द्वारा आयोजित हमारी संस्कृति–हमारी विरासत के परिपेक्ष्य में जो कार्यक्रम कर रही है, इसकी निरंतरता बनी रहनी चाहिए। कार्यक्रम अध्यक्ष मुनीश जी ने कहा कि भारतीय सभ्यता सनातन रही है। हम सभी आज भी आधुनिक युग में अपने विभिन्न शुभ कार्य पंचांग पर आधारित तिथियों द्वारा ही करते हैं। अतुल द्विवेदी ने कहा कि सरकार द्वारा लोक कला के उन्नयन के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रयास किए जा रहे हैं। इनके विकास के लिए आप सभी विभिन्न संस्थाएं, एनजीओ सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। सरकार द्वारा संपदा नामक कार्यक्रम के अंतर्गत कलाकारों के संरक्षण हेतु प्रयास किए जा रहे हैं। रेडियो पर जयघोष कार्यक्रम द्वारा कलाकारों के गीतों को स्वर बद्ध रिकॉर्ड कराया जा रहा है। विलुप्त होती ऐसी कलाओं के संरक्षण के प्रयास के लिए हम सबको मिलकर कार्य करना होगा।
अतिथियों द्वारा सभी कलाकारों को माल्यार्पण, अंगवस्त्रम व स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। डॉ. ज्योति दास ने आभार ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन विष्णु गौड़ एवं ऋषि श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम का समापन सामूहिक वंदे मातरम गान से हुआ।
इस अवसर पर पुष्पराज सिंह, डॉ अरुण मिश्रा, डॉ क्षितिज शर्मा, राकेश श्रीवास्तव, अजय दुबे, सुजीत कुमार, डा. नरेंद्र पाठक, रविंद्र सिंह ज्योति, अमित श्रीवास्तव, रजत जी जिला प्रचारक, शशांक सिंह, अमित गुप्त, ऋषि श्रीवास्तव, राज कमल, सुप्रतीक, बालकृष्ण, राजेश किशोर, अरुण केसरी, आकाश सेठ, अवधेश, मनीष अस्थाना आदि उपस्थित रहे।

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