रस्मे इजरा किताब का मौलाना मोहम्मद रजा ने किया विमोचन
जौनपुर। हिन्दुस्तान के मशहूर शायरे अहलेबैत डॉ. इंतजार मेंहदी शोहरत जौनपुरी के वालदैन की मजलिसे बरसी नगर के बलुआघाट स्थित इमाम बारगाह रीठी तला में हुई। मजलिस को खेताब करते हुए मौलाना सैयद गुलजार जाफरी तारागढ़ अजमेर राजस्थान ने कहा कि वालदैन की खिदमत करने वाला शख्स दुनिया और आखेरत दोनों में कामयाब होता है। कुरआन से लेकर अकवाले मासूमीन तक नजीर मौजूद है जिसमें वालदैन का मरतबा और उनकी अहमियत बताई गई है। मौलाना ने कर्बला का मंजर बयान करते हुए कहा कि हजरत इमाम हुसैन व उनके 71 साथियों ने शहादत देकर न सिर्फ दीने इस्लाम को बचाया, बल्कि पूरी मानवता की रक्षा की।
इसके पहले शोहरत जौनपुरी की किताब रस्मे इजरा जिसमें नौहा, सलाम, मनकबत का मजमुआ है। मौलाना मोहम्मद रजा खां रन्नवी ने विमोचन किया। साथ ही कहा कि डॉ. शोहरत जौनपुरी अपने वालिद मरहूम अनवर अली के नाम को आगे बढ़ाते हुए आज पूरी दुनिया में अपना नाम रौशन कर रहे हैं। इस किताब के जरिए लोग न सिर्फ उनके नौहे, सलाम को पढ़ सकेंगे, बल्कि आने वाली नस्लों को भी इससे रूबरू करवायेंगे। इसके पहले सोजखानी काविश व उनके हमनवा ने किया।
पेशखानी चंदन फैजाबादी, हसन फतेहपुरी, नवाब हैदर चौलसी, नातिक गाजीपुरी ने किया। मुजफ्फरनगर ककरौली से आये काशिफ ने अपने दर्द भरे नौहे पढ़कर माहौल को गमगीन कर दिया। इस अवसर पर इफ्तेखार मेंहदी, सैयद मोहम्मद असकरी, डॉ. कमर अब्बास, शाहिद मेंहदी, कुमैल मेंहदी, नेहाल हैदर सहित तमाम लोग मौजूद रहे। अन्त में डॉ. इंतजार मेंहदी ने समस्त आगंतुकों के प्रति आभार प्रकट किया।